कोलकाता स्टेडियम जाने से रोकने पर भड़के गवर्नर आनंद बोस, कहा- मैं कोई रबर स्टैंप नहीं हूँ…

डिजिटल डेस्क- कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में फुटबॉल के दिग्गज लियोनेल मेस्सी से जुड़े कार्यक्रम के दौरान हुई अराजकता अब एक बड़े संवैधानिक विवाद में बदल गई है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को शनिवार शाम स्टेडियम में प्रवेश करने से रोक दिया गया। यह वही समय था जब कार्यक्रम के दौरान भीड़ की गड़बड़ी और अव्यवस्था के कारण स्थिति बिगड़ गई थी। राज्यपाल बोस ने स्टेडियम में प्रवेश से इनकार किए जाने को अपने संवैधानिक पद का अपमान बताया और इस पर कड़ी नाराजगी जताई। पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “मैं घटनास्थल देखे बिना कभी रिपोर्ट नहीं लिखता। मेरी रिपोर्ट आधी तैयार है, लेकिन मैं खुद ग्राउंड जीरो पर जाकर देखना चाहता हूं कि आखिर वहां क्या हुआ था।” उन्होंने सवाल उठाया, “क्या पश्चिम बंगाल अपने राज्यपाल के साथ ऐसा व्यवहार करता है? राज्यपाल कोई रबर स्टैंप नहीं है।”

घटना को दिया भयावह अप्रासंगिकता करार

सीवी आनंद बोस ने इस घटना को संवैधानिक प्राधिकरण की “भयावह अप्रासंगिकता” करार दिया। उन्होंने साफ किया कि यह मामला व्यक्तिगत अपमान का नहीं, बल्कि राज्यपाल के संवैधानिक पद के सम्मान से जुड़ा हुआ है। पीटीआई के अनुसार, राज्यपाल ने कहा, “अगर सच्चाई राज्यपाल से भी छिपाई जा सकती है, तो यह निश्चित तौर पर एक बड़ी समस्या का संकेत है।” राज्यपाल बोस ने ऐलान किया कि वह रविवार को दोबारा साल्ट लेक स्टेडियम का दौरा करेंगे और पूरे मामले की गहराई से जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस पहले ही जांच शुरू कर चुकी है और उनकी रिपोर्ट में ‘प्रभावित लोगों के दृष्टिकोण’ को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा।

लियोनेल मेस्सी के कार्यक्रम में मची थी अफरा-तफरी

गौरतलब है कि शनिवार को साल्ट लेक स्टेडियम में उस समय अफरा-तफरी मच गई थी, जब हजारों दर्शक लियोनेल मेस्सी की एक झलक पाने में असफल रहे। नाराज फैंस ने तोड़फोड़ शुरू कर दी और आयोजकों पर कुप्रबंधन के आरोप लगाए। भीड़ ने वीआईपी कल्चर को भी अव्यवस्था की बड़ी वजह बताया। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए कार्यक्रम के मुख्य आयोजक सताद्रु दत्ता को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति के गठन की घोषणा की है। इससे पहले भी राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इस घटना को कोलकाता के खेल प्रेमियों के लिए “काला दिन” बताया था।

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