KNEWS DESK- जिनकी शादी हो वो तो महीने भर पहले से ही शॉपिंग करना शुरू कर देती है लेकिन अगर आप सिख हैं और आपकी शादी होने वाली है तो अब आप लहंगे की शॉपिंग नहीं कर पाएंगी यानी आप लहंगे के साथ फेरे नहीं ले पाएंगी।
जारी की नई गाइडलाइन
सिख धर्म में शादियों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई। नए प्रस्ताव में कहा गया है कि जब लड़की को फेरों के लिए लाया जाता है तो परिवार के लोग लड़की के सिर पर फूलों का छत्र बनाकर लाते हैं। यह ठीक नहीं है। दुल्हन पर फूलों की वर्षा नहीं करनी चाहिए। वहीं, शादी के कार्ड पर दूल्हे और दुल्हन का पूरा नाम सिंह और कौर के साथ छपा होना चाहिए। सिंह साहिबों ने सिख समुदाय से इन दिशा- निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया है। पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ड्रेस कोड क्यों?
जत्थेदारों ने कहा कि शादी के लहंगे अक्सर भारी होते हैं। इन्हें पहनने से दुल्हन को गुरुग्रंथ साहिब के सामने नतमस्तक होने और चलने-फिरने में दिक्कत होती है। इसको देखते हुए निर्णय लिया गया है कि अब से दुल्हन महंगे और भारी लहंगे, घाघरा की जगह कमीज, सलवार और सिर पर चुन्नी पहनकर ही आएंगी। जत्थेदारों का कहना है कि देखा गया है, समारोह के दौरान काफी फिजूल खर्च भी होता है। इसे रोकने के लिए भी ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं।
डेस्टिनेशन वेडिंग पर लग चुकी है रोक
हाल में डेस्टिनेशन वेडिंग पर भी रोक लगाई जा चुकी है। इसे सिख मर्यादा के खिलाफ बताया गया था। आदेश जारी किया गया था कि डेस्टिनेशन वेडिंग के दौरान फेरे (आनंद कारज) लेने के लिए पवित्र श्रीगुरु ग्रंथ साहिब को बीच, रिसॉर्ट या समुद्र किनारे ले जाने पर पूरी तरह से पाबंदी होगी।
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