KNEWS DESK- पिछले काफी दिनों से एलियंस को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं जिन पर यकीन कर पाना मुश्किल है। यूएफओ को इनसे जोड़ा जाता है और कहा जाता है कि ये धरती पर बार- बार आते हैं।
दावे में यह भी कहा गया है कि ब्रिटेन में 2.5 साल के भीतर करीब 1000 यूएफओ देखे गए हैं। इस दावे से पहले विशेषज्ञ ने कहा कि “एलियंस सोलर सिस्टम के ठीक बाहर अंधेरे स्थानों में छिपे हो सकते हैं। जनवरी 2021 के बाद से अभी तक जिन भी स्थानों पर सबसे ज्यादा और सबसे कम यूएफओ दिखाई दिए हैं, उनका एक मैप डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है। यूएफओ को आधिकारिक तौर पर अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनोमेना कहा जाता है।”
एक विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि “ऐसा भी हो सकता है कि कई यूएफओ की घटनाएं ऐसी होंगी, जो दर्ज ही नहीं हुई हों। ये जानकारी ऐसे वक्त पर सामने आई है, जब हाल में ही अमेरिका में वायु सेना के पूर्व खुफिया अधिकारी सेवानिवृत्त मेजर डेविड ग्रश से दूसरी दुनिया से संपर्क के संभावित सबूत के बारे में कहा था। उन्होंने कहा कि अमेरिका लंबे समय से चले आ रहे प्रोग्राम को छिपा रहा है। जिसके तहत उड़ने वाली अज्ञात वस्तुओं की रिवर्स इंजीनियरिंग की जाती है।”
अमेरिका में वायु सेना के पूर्व खुफिया अधिकारी सेवानिवृत्त मेजर डेविड ग्रश की इस बात ने सभी को हैरान कर दिया है। इसके बाद से वैज्ञानिकों को शक है कि अमेरिका को गुप्त तरीकों से दूसरी दुनिया पर जीवन होने के सबूत मिले हैं. इससे पहले इस साल के शुरुआत में एक वैज्ञानिक ने दावा किया था कि हो सकता है एलियंस डिटेक्शन से बचने के लिए सोलर सिस्टम के बाहर अंधेरी जगहों में छिपे हों, वो अपने फायदे के लिए टर्मिनेटर जोन्स का इस्तेमाल कर रहे हों. इन क्षेत्रों में ‘स्वीट स्पॉट’ भी शामिल हैं, जहां हमारे सोलर सिस्टम के बाहरी इलाके में ग्रह सितारों की परिक्रमा करते हैं. इसका मतलब ये कि उनकी एक साइड दिखाई देती है, जबकि दूसरी अंधेरे में रहती है।
एलियंस अब यहां पर हो सकते हैं
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की डॉ. अना लोबो का कहना है, ‘दिन का समय चिलचिलाती गर्मी वाला हो सकता है, जो रहने लायक नहीं है और रात का समय ठंडा होता है, संभवतः बर्फ से ढका हुआ. रात के वक्त आपके पास बड़े ग्लेशियर हो सकते हैं. तो आपको एक ऐसा ग्रह चाहिए होगा, जो पानी के तरल रूप के लिए बिल्कुल सही तापमान वाला हो.’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम उन ग्रहों की तरफ ध्यान देने की कोशिश कर रहे हैं, जहां सीमित जल हो. इनमें बड़े महासागर न होने के बावजूद झीलें या तरल पानी के छोटे पिंड हो सकते हैं और ये जलवायु वास्तव में बहुत उम्मीद भरी भी हो सकती है. इनकी खोज से हम आने वाले भविष्य में रहने योग्य ग्रह को खोजने और उसकी उचित पहचान करने की अपनी संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।