सोशल मीडिया और OTT पर सरकार का सख्त शिकंजा, अश्लीलता और फेक कंटेंट पर होगी कार्रवाई, जानिए सभी नियम

KNEWS DESK- केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स पर अश्लीलता, गलत सूचना और साइबर अपराधों को रोकने के लिए जवाबदेही को और सख्त कर दिया है। सरकार का साफ फोकस एक Safe, Trusted और Accountable Internet बनाने पर है, खासतौर पर महिलाओं और बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर। इसके लिए आईटी अधिनियम 2000, आईटी नियम 2021 और भारतीय न्याय संहिता के तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कानूनी शिकंजा कसा गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों की अनदेखी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

ओपन और सेफ इंटरनेट सरकार की प्राथमिकता

सरकार का कहना है कि उसकी नीतियों का उद्देश्य भारत में एक खुला, सुरक्षित और भरोसेमंद इंटरनेट इकोसिस्टम तैयार करना है। ऑनलाइन किसी भी तरह का गैरकानूनी, अश्लील या भ्रामक कंटेंट प्रसारित न हो, इसके लिए कानूनी और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर कदम उठाए गए हैं। महिलाओं और बच्चों को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर होने वाले नुकसान से बचाना सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है।

IT Act 2000 और IT Rules 2021 से बढ़ी निगरानी

आईटी अधिनियम 2000 और आईटी नियम 2021 के तहत डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी तय की गई है। इन कानूनों में अश्लील कंटेंट, प्राइवेसी उल्लंघन और साइबर अपराधों पर सजा का प्रावधान है। पुलिस को जांच, तलाशी और गिरफ्तारी के अधिकार भी दिए गए हैं। IT Rules 2021 कंपनियों को गैरकानूनी कंटेंट को रोकने और हटाने की स्पष्ट जिम्मेदारी सौंपते हैं।

तय समय में हटाना होगा अवैध कंटेंट

आईटी नियम 2021 के अनुसार, कोर्ट या सरकार के निर्देश पर अवैध कंटेंट को तय समय सीमा में हटाना अनिवार्य है।

  • प्राइवेसी उल्लंघन, फर्जी पहचान और नग्नता से जुड़े कंटेंट को 24 घंटे के भीतर हटाना होगा।
  • हर प्लेटफॉर्म को Grievance Officer नियुक्त करना होगा।
  • शिकायत का समाधान 72 घंटे में करना अनिवार्य होगा।
    यदि प्लेटफॉर्म ऐसा नहीं करता, तो यूजर Grievance Appellate Committee में अपील कर सकता है।

फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स पर अतिरिक्त जिम्मेदारी

भारत में 50 लाख से ज्यादा यूजर्स वाले प्लेटफॉर्म्स को Significant Social Media Intermediary की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे प्लेटफॉर्म्स को:

  • भारत में लोकल ऑफिसर नियुक्त करना होगा
  • नियमित compliance report जारी करनी होगी
  • कानून एजेंसियों को जांच में सहयोग देना होगा

गंभीर मामलों में मैसेज भेजने वाले की पहचान (originator) ट्रेस करने में भी मदद करनी होगी। नियमों का पालन न करने पर इन प्लेटफॉर्म्स को IT Act के तहत मिलने वाली कानूनी सुरक्षा नहीं मिलेगी।

OTT प्लेटफॉर्म्स पर भी सरकार की कड़ी नजर

OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए IT Rules 2021 के Part-III में Code of Ethics लागू किया गया है। किसी भी ऐसे कंटेंट की अनुमति नहीं है जो कानून के खिलाफ हो। सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन के अनुसार, अब तक 43 OTT प्लेटफॉर्म्स को अश्लील कंटेंट दिखाने के आरोप में भारत में ब्लॉक किया जा चुका है। यह दर्शाता है कि सरकार OTT सेक्टर पर भी लगातार निगरानी बनाए हुए है।

10 पॉइंट में समझें नए डिजिटल नियम

  1. Safe, Trusted और Accountable Internet सरकार की प्राथमिक नीति।
  2. महिलाओं और बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा पर विशेष जोर।
  3. IT Act 2000 और IT Rules 2021 के तहत सख्त कार्रवाई का प्रावधान।
  4. अश्लील, भ्रामक और गैरकानूनी कंटेंट पर पूर्ण रोक।
  5. Deepfake, AI-जनरेटेड फर्जी पहचान और impersonation पर प्रतिबंध।
  6. कोर्ट या सरकार के आदेश पर कंटेंट तय समय में हटाना अनिवार्य।
  7. नग्नता और प्राइवेसी उल्लंघन से जुड़ा कंटेंट 24 घंटे में हटाना जरूरी।
  8. हर प्लेटफॉर्म पर Grievance Officer और 72 घंटे में शिकायत समाधान।
  9. 50 लाख से ज्यादा यूजर्स वाले प्लेटफॉर्म्स पर लोकल ऑफिसर और compliance रिपोर्ट जरूरी।
  10. OTT प्लेटफॉर्म्स पर Code of Ethics लागू, उल्लंघन पर भारत में ब्लॉकिंग संभव।

केंद्र सरकार का संदेश साफ है। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अब आजादी के साथ जिम्मेदारी भी निभानी होगी। अश्लीलता, फेक न्यूज और साइबर अपराधों पर कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। सुरक्षित और भरोसेमंद इंटरनेट की दिशा में यह कदम डिजिटल भारत के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

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