डिजिटल डेस्क- Mappls बनाने वाली कंपनी MapmyIndia की कहानी करीब 30 साल पुरानी है। इसके को-फाउंडर और चेयरमैन राकेश वर्मा और उनकी पत्नी पहले अमेरिका में रहकर बड़े कॉर्पोरेट में काम करते थे। राकेश जनरल मोटर्स और उनकी पत्नी IBM में कार्यरत थीं। 12 साल अमेरिका में रहने के बाद ये दंपति भारत लौटे और अपने विजन पर काम शुरू किया।
डेटा के साथ लोकेशन के जुड़ने का था अंदेशा
1995 में MapmyIndia की शुरुआत हुई। राकेश वर्मा बताते हैं कि उस समय उनका मानना था कि डिजिटल मैप्स आने वाले समय में नेक्स्ट बिग थिंग हो सकते हैं। उनके अनुसार, “हमें अंदाजा था कि भविष्य में हर डेटा के साथ लोकेशन जुड़ी होगी। उसी जरूरत को पूरा करने के लिए MapmyIndia की नींव रखी गई।” तब से लेकर अब तक, राकेश और उनकी पत्नी इस विजन को साथ में आगे बढ़ा रहे हैं। राकेश वर्मा ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि Mappls पूरी तरह भारतीय सिस्टम पर बेस्ड है और डेटा लोकली स्टोर किया जाता है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “हम यूज़र्स का डेटा किसी विज्ञापन या कमर्शियल इस्तेमाल के लिए नहीं बेचते। यही हमारी सबसे बड़ी खासियत है।”
डेटा के सुरक्षित होने का दिलाता है भरोसा
Mappls की लोकप्रियता के पीछे भारत का स्वदेशी विजन और डेटा सुरक्षा का भरोसा है। इस ऐप में रेलवे, ट्रैफिक, नेविगेशन और लोकेशन बेस्ड सर्विसेज के कई ऐसे फीचर्स हैं, जो यूज़र्स के लिए सुविधाजनक हैं।
गूगल मैप से 10 साल पुराना है लगभग MapmyIndia
दिलचस्प तथ्य यह है कि Google Maps की शुरुआत मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया में दो भाइयों, लार्स और जेन्स ने की थी और गूगल ने इसे 2004 में खरीदा। जबकि MapmyIndia ने 1995 में ही भारत में नेविगेशन और डिजिटल मैपिंग का सफर शुरू कर दिया था, यानी गूगल मैप्स से पूरे 10 साल पहले।