KNEWS DESK- IPL का मतलब सिर्फ चमक-दमक वाली क्रिकेट नहीं है, बल्कि यह क्रिकेट फैंस के लिए ढेर सारे रोमांच और मस्ती का भी खजाना है। इस रोमांच का अहम हिस्सा है मैदान पर होने वाली रनों की बौछार, जो ज्यादातर बल्लेबाजों द्वारा बनाई जाती है। गेंदबाजों की तुलना में बल्लेबाजों का दबदबा IPL में ज्यादा देखने को मिलता है, और इसका कारण है कूकाबूरा की व्हाइट बॉल, जो अगर सही तरीके से बल्ले पर आती है, तो बाउंड्री के पार ही जाती है। लेकिन सवाल यह है कि IPL में कौन सी गेंद इस्तेमाल होती है और उसकी कीमत कितनी होती है?
IPL में जो गेंद इस्तेमाल होती है, वह कूकाबूरा ब्रांड की होती है। कूकाबूरा गेंद का रंग सफेद होता है और यह सिर्फ IPL में ही नहीं, बल्कि ICC टूर्नामेंट्स और बाइलेटरल सीरीज में भी उपयोग की जाती है। जब भी दुनिया में व्हाइट बॉल क्रिकेट होता है, कूकाबूरा की गेंद ही मैदान पर होती है। तो आखिर इस गेंद में ऐसा क्या खास है? इसका जवाब जानने के लिए हमें कूकाबूरा गेंद के इतिहास पर एक नजर डालनी होगी।
कूकाबूरा गेंद की शुरुआत 1970 के दशक में हुई थी। वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट और डे-नाइट मैचों के कॉन्सेप्ट के साथ, कूकाबूरा ने पहली बार व्हाइट बॉल बनाई थी। इस गेंद को बनाने में कूकाबूरा ने उच्च गुणवत्ता वाले लेदर का इस्तेमाल किया, जो इसे लंबी दूरी तक यात्रा करने में मदद करता है। यही कारण है कि IPL में बल्लेबाज बेमिसाल छक्के मारते हुए नजर आते हैं।
कूकाबूरा गेंद की सबसे बड़ी खासियत इसकी लेदर क्वालिटी है, जो गेंद को लंबी दूरी तक यात्रा करने में मदद करती है। इसके अलावा, गेंद की सीम ज्यादा बाहर नहीं निकलती है, जिससे इसे कंट्रोल करना आसान होता है। गेंद के अंदर की दो लेयर को हाथ से सिलाई की जाती है, जबकि बाकी की सिलाई मशीन से की जाती है। इस डिजाइन के चलते गेंद को सही दिशा में फेंकना और बल्लेबाजों के लिए उसे मारना आसान होता है।