विराट कोहली ने BCCI के परिवार संबंधी नियम पर जताई नाराजगी, बोले- ‘खेल पर असर नहीं डालता, बल्कि मदद करता है’

KNEWS DESK – भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली हमेशा से ही अपनी बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) से जुड़ने के बाद उन्होंने BCCI के नए ट्रेवल पॉलिसी को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन के लिए उनके परिवार को जिम्मेदार ठहराना गलत है।

कोहली ने BCCI के फैसले पर उठाए सवाल

विराट कोहली ने पादुकोण-द्रविड़ सेंटर फॉर स्पोर्ट्स एक्सीलेंस में आयोजित ‘इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट’ के दौरान इस मुद्दे पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि जब खिलाड़ी मैदान पर संघर्ष कर रहा होता है, तो परिवार ही उसकी सबसे बड़ी ताकत बनता है। उन्होंने कहा,”लोगों को यह समझाना बहुत मुश्किल है कि जब भी मैदान पर कुछ गंभीर होता है, तो परिवार के पास लौटना कितना जरूरी होता है। मुझे नहीं लगता कि लोग इस बात को समझते हैं कि यह कितना अहम है।” उन्होंने आगे कहा,”खराब प्रदर्शन के लिए उनके (परिवार) को दोष देना और ये कहना कि उन्हें खिलाड़ियों से दूर रखना चाहिए, ये बिल्कुल सही नहीं है।

विराट कोहली ने यह भी स्पष्ट किया कि खिलाड़ियों के आस-पास उनके परिवार होने से उनका प्रदर्शन बेहतर होता है। उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ी अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं, क्योंकि इससे उन्हें मानसिक शांति मिलती है। कोहली ने कहा, “मैं अपने कमरे में अकेले बैठकर उदास नहीं रहना चाहता। मैं एक सामान्य जीवन जीना चाहता हूं। जब आप मानसिक रूप से शांत होते हैं, तो आप खेल को सिर्फ एक जिम्मेदारी की तरह देखते हैं और उसे बेहतर तरीके से निभा पाते हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि जब खिलाड़ी अपने परिवार से घिरे होते हैं, तो वे मानसिक रूप से अधिक स्थिर और संतुलित रहते हैं, जिससे उनके खेल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

क्या है BCCI का नया नियम?

BCCI ने हाल ही में खिलाड़ियों के विदेशी दौरों पर उनके परिवार के साथ रहने को सीमित करने का फैसला लिया था। इस नियम के तहत, खिलाड़ी के परिवार (पार्टनर और बच्चे) को सिर्फ एक बार, दो सप्ताह तक साथ रहने की अनुमति होगी। पहले, इस तरह की कोई पाबंदी नहीं थी और खिलाड़ी जब चाहें, अपने परिवार के साथ समय बिता सकते थे। यह नियम भारतीय टीम के पिछले खराब प्रदर्शन के बाद लागू किया गया था, खासतौर पर 2023 की न्यूजीलैंड टेस्ट सीरीज और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद। इस फैसले का सीधा असर विराट कोहली और कप्तान रोहित शर्मा जैसे सीनियर खिलाड़ियों पर पड़ा, जो अपने परिवार के बेहद करीब हैं।

विराट कोहली के इस बयान के बाद कई क्रिकेट विशेषज्ञ और फैंस उनके समर्थन में आ गए हैं। कई लोगों का मानना है कि परिवार का साथ मानसिक रूप से खिलाड़ियों को मजबूत बनाता है और इससे उनका प्रदर्शन बेहतर होता है। वहीं, कुछ का कहना है कि BCCI का यह कदम अनुशासन और फोकस बढ़ाने के लिए सही है। हालांकि, विराट कोहली का मानना है कि खिलाड़ियों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए यह नियम बदला जाना चाहिए। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या BCCI इस मामले में कोई नया फैसला लेती है या नहीं।