गौतम गंभीर की अगुवाई में टीम इंडिया की टेस्ट चुनौतियां जारी, एजबेस्टन टेस्ट में अर्शदीप सिंह को मिल सकता है डेब्यू का मौका

KNEWS DESK- भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों टेस्ट क्रिकेट में कठिन दौर से गुजर रही है। गौतम गंभीर के हेड कोच बनने के बाद से टीम इंडिया को न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करारी हार झेलनी पड़ी, और अब इंग्लैंड दौरे की शुरुआत भी लीड्स टेस्ट में 5 विकेट से हार के साथ हुई है। ऐसे में गंभीर और कप्तान शुभमन गिल के सामने एजबेस्टन टेस्ट में टीम को वापसी की पटरी पर लाने की बड़ी चुनौती है।

लीड्स टेस्ट में जसप्रीत बुमराह को छोड़कर कोई भी गेंदबाज़ अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाया। खासकर प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर की गेंदबाजी असरदार नहीं रही, जिन्होंने विकेट तो लिए लेकिन इंग्लिश बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में नाकाम रहे। नतीजतन इंग्लैंड ने 372 रनों का लक्ष्य बिना किसी खास मुश्किल के हासिल कर लिया। अब बुमराह की फिटनेस को लेकर अनिश्चितता और शेष गेंदबाजों के खराब प्रदर्शन ने टीम प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी है।

ऐसे में हेड कोच गंभीर अब एक नया दांव खेलने की तैयारी में हैं। संकेत मिल रहे हैं कि वे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को एजबेस्टन टेस्ट में उतार सकते हैं, जिससे गेंदबाजी में विविधता लाई जा सके।

27 जून को भारतीय टीम के अभ्यास सत्र के दौरान गंभीर और अर्शदीप के बीच काफी लंबी और गंभीर बातचीत देखी गई। रेवस्पोर्ट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह चर्चा सिर्फ सामान्य तकनीकी सलाह नहीं थी, बल्कि कोच गंभीर अर्शदीप से कुछ खास रणनीतिक उम्मीदें जाहिर कर रहे थे।

बुमराह की संभावित गैरमौजूदगी में टीम इंडिया के पास दो प्रमुख विकल्प हैं:

  • आकाश दीप: घरेलू क्रिकेट और इंडिया ए में दमदार प्रदर्शन, सीम मूवमेंट में महारत, लेकिन हाल के मुकाबलों में थोड़ा औसत रहे हैं।

  • अर्शदीप सिंह: तेज़, बाएं हाथ के गेंदबाज, जो स्विंग में माहिर हैं। भले ही टेस्ट डेब्यू अभी तक नहीं हुआ हो, लेकिन इंग्लिश परिस्थितियों में बाएं हाथ का एंगल विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान कर सकता है।

गंभीर की कोचिंग शैली और साहसी फैसलों को देखते हुए अर्शदीप को मौका मिलना बेहद संभव है।

सूत्रों के मुताबिक टीम मैनेजमेंट ज्यादा बड़े बदलावों से बचना चाहता है, लेकिन बुमराह की जगह एक बदलाव तो तय माना जा रहा है। बल्लेबाजी क्रम में भी सलामी जोड़ी की अस्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन टीम फिलहाल स्थिरता बनाए रखने के पक्ष में है।

गौतम गंभीर को भारतीय क्रिकेट का आक्रामक और रणनीतिक चेहरा माना जाता रहा है, लेकिन बतौर कोच उनका अब तक का सफर मुश्किल भरा रहा है। इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ विदेशी सरजमीं पर वापसी करना उनके लिए कद और रणनीति दोनों की परीक्षा है।

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