KNEWS DESK – भारत के तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले युवा शतरंज ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने 12 दिसंबर को सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप के रोमांचक खिताबी मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन को हराकर विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। इस शानदार जीत के साथ, 18 वर्षीय गुकेश ने सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।
मुख्यमंत्री एम.के स्टालिन ने की पुरस्कार देने की घोषणा
बता दें कि गुकेश की जीत ने न केवल भारत का गौरव बढ़ाया, बल्कि यह शतरंज के इतिहास में भी एक मील का पत्थर साबित हुआ। 18 साल की उम्र में उन्होंने डिंग लिरेन को 7.5-6.5 के अंतर से हराया और 25 नवंबर को शुरू हुई इस चैंपियनशिप का समापन अपने नाम किया। गुकेश की इस शानदार उपलब्धि के बाद, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के स्टालिन ने उन्हें सम्मानित करने का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने गुकेश को 5 करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की, जो उनकी सफलता के प्रति राज्य सरकार की ओर से एक बड़ी सराहना है। स्टालिन ने ट्वीट करते हुए गुकेश की जीत को तमिलनाडु और भारत के लिए गर्व का पल बताया। गुकेश की इस जीत के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बॉलीवुड हस्तियां और क्रिकेटर्स सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें बधाई दी। सोशल मीडिया पर भी उनकी जीत की सराहना की जा रही है, और लोग उन्हें नए शतरंज के सितारे के रूप में देख रहे हैं।
विश्व चैंपियनशिप का सफर
विश्व शतरंज चैंपियनशिप का आयोजन 25 नवंबर को सिंगापुर में रिसॉर्ट्स वर्ल्ड सेंटो स्थित इक्वेरियर होटल में हुआ था। इस टूर्नामेंट में कुल 14 राउंड खेले गए थे, और आखिरी राउंड में दोनों खिलाड़ियों के 6.5 अंक थे। यदि अंतिम मैच ड्रॉ होता, तो निर्णय टाईब्रेकर से किया जाता। लेकिन, चेन्नई के चमत्कारी शतरंज खिलाड़ी गुकेश ने अंतिम मैच में शानदार प्रदर्शन करते हुए 7.5-6.5 से जीत हासिल की और खिताब अपने नाम किया।
भारत को दूसरा शतरंज चैंपियन मिला
गुकेश की इस जीत के साथ भारत को विश्व शतरंज चैंपियनशिप में दूसरा खिताब मिला है। इससे पहले, भारत के महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने यह खिताब 5 बार जीता था। गुकेश की इस जीत ने न केवल शतरंज की दुनिया में भारत की स्थिति को मजबूत किया, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी है।