टोक्यो ओलंपिक में लवलीना के सफर का अंत

टोक्यो ओलंपिक में लवलीना के सफर का अंत

असम की 23 साल की मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने भारत की झोली में तीसरा मेडल डाल दिया है . बुधवार को 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल मैच में लवलीना को तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली  ने 5-0 से शिकस्त दी.  इसके साथ ही लवलीना का टोक्यो ओलंपिक में सफर का अंत हो गया और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा . लेकिन गर्व की बात ये है कि लवलीना बोरगोहेन मुक्केबाजी में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बॉक्सर बन गई हैं.  इससे पहले विजेंदर सिंह ने 2008 में बीजिंग ओलंपिक के मिडिलवेट कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था और एमसी मैरीकॉम ने 2012 में लंदन ओलंपिक के फ्लाइवेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर पीएम मोदी ने दी बधाई

मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन के टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी है.  पीएम मोदी बोले- उनकी ये जीत भारतीयों और आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी. पीएम के साथ ही केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी लवलीना की इस उपलब्धि के लिए उनको बधाई दी है और उनकी सफलता को असाधारण बताया है. इसके साथ ही असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा  का कहना है – मेडल के लिए असम की बेटी को बधाई.

 हार से खफा हैं लवलीना

पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहीं भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन को बुधवार को सेमीफाइनल मैच में हार का सामना करना पड़ा. इस हार से लवलीना बेहद खफा है . इसमें कोई शक नहीं है कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की होगी और मंजिल के इतना करीब आकर चूक जाना निराशाजनक होता है . सेमीफाइनल की हार से नाखुश लवलीना का कहना है कि जैसा सोचा था वैसा नहीं कर पाई क्योंकि लवलीना भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लाना चाहती थी और अब उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ेगा . लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि भारत की स्टार बॉक्सर लवलीना बोरगेहन ने टोक्यो ओलंपिक में हार के बावजूद कांस्य पदक अपने नाम करके इतिहास रचा है और देश को उन पर गर्व है .

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