International Nelson Mandela Day: क्यों खास होता है 18 जुलाई का दिन, ये है इसकी वजह

KNEWS DESK- दुनिया में कई ऐसे महान लोगों ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने काम और विचारों से पूरी दुनिया के सामने एक खास मिसाल पेश की और अपनी एक अलग पहचान बनाई है। वैसे तो ये लिस्ट बहुत लंबी है लेकिन इस लिस्ट में कुछ नाम ऐसे है जिन्हें पूरी दुनिया सलाम करती है।  आपको आज  हम जिस शख्सियत के बारे में बताने वाले है, उनका पूरी जिंदगी शांति और रंगभेद के खिलाफ ही समर्पित थी। हम साउथ अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की बात कर रहे हैं। आज 18 जुलाई को उनकी जंयती है और इस दिन को हर साल नेल्सन मंडेला इंटरनेशनल डे के तौर पर मनाया जाता है। इनके फेमस होने की वजह यह है कि नेल्संन मंडेला ने गांधी की विचारधारा यानि अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

नेल्सन मंडेला इंटरनेशनल डे का इतिहास

18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका में जन्‍मे नेल्‍सन मंडेला का पूरा नाम नेल्सन रोलीह्लला मंडेला था। कम उम्र में ही इनके पिता की मौत हो गई थी. इसके बाद इनका जीवन काफी संघर्षपूर्ण बीता। 1944 में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल होने के बाद नेल्सन मंडेला ने रंगभेद के विरूद्ध आंदोलन छेड़ दिया। इसी साल उन्‍होंने अपने सहयोगियों और मित्रों के साथ मिलकर अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग की स्थापना की।

आजीवन कारावास की हुई सजा

1947 में वे अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग के सचिव चुने गए. साल 1961 में मंडेला और उनके कुछ मित्रों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया। हालांकि इसमें वो निर्दोष साबित हुए लेकिन इसके बाद 1962 में उन पर मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने और बिना अनुमति देश छोड़ने के आरोप लगा और इसके बाद उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया। साल 1964 में नेल्‍सन मंडेला को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। इसके बाद उन्‍होंने अपने जीवन के 27 साल जेल में बिताए. साल 1990 में उनकी जेल से रिहाई हुई।

भारत रत्न जीतने वाले पहले विदेशी

अहिंसा की राह पर चलकर रंगभेद के खिलाफ नेल्‍सन मंडेला ने जो भी लड़ाई की, उसके बाद उनकी छवि पूरी दुनिया में एक शांति दूत के तौर पर बन गई। कई देश उनसे आकर्षित हुए। साल 1990 में भारत सरकार ने मंडेला को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया. नेल्‍सन मंडेला भारत रत्न पाने वाले पहले विदेशी थे। वहीं 1993 में उन्‍हें नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया। नवंबर 2009 में संयुक्त राष्ट्र ने 18 जुलाई को आधिकारिक रूप से नेल्सन मंडेला इंटरनेशनल डे मनाने की घोषणा की। इसके बाद पहला नेल्‍सन मंडेला दिवस साल 2010 में मनाया गया।

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