डिजिटल डेस्क- लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रती कड़े नियमों और शुद्ध आचरण के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर परिवार की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और उन्नति की कामना की जाती है।
इस वर्ष छठ पूजा की शुरुआत 25 अक्टूबर से हुई थी। आज महापर्व का दूसरा दिन है, जिसे खरना कहा जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसके बाद लगभग 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ होता है। कल यानी 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा, जबकि 28 अक्टूबर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ महापर्व का समापन किया जाएगा।
छठ पर्व के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते समय मंत्रों का जाप विशेष रूप से शुभ और फलदायी माना गया है। कहा जाता है कि इन मंत्रों के उच्चारण से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, मानसिक शांति मिलती है और जीवन में उन्नति के मार्ग खुलते हैं।
सूर्य मंत्र (सामान्य):
ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात।।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
इन मंत्रों के जाप से स्वास्थ्य में सुधार होता है और सूर्य देव से समृद्धि एवं सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
सूर्य के बीज मंत्र:
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। ॐ घृणिः सूर्याय नमः।
इस मंत्र का जाप करने से रुके हुए कार्य पूरे होते हैं और जीवन में नई संभावनाएं खुलती हैं।
सूर्य गायत्री मंत्र:
ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात।।
यह मंत्र जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति दिलाता है और आत्मिक शांति प्रदान करता है।
सूर्य आदित्य हृदय स्तोत्र मंत्र:
ॐ अस्य आदित्यह्रदय स्तोत्रस्य अगस्त्यऋषिः अनुष्टुप्छन्दः आदित्यह्रदयभूतो भगवान् ब्रह्मा देवता…
इस स्तोत्र का पाठ आत्मविश्वास बढ़ाता है और परिवार में सुख-शांति लाता है।