KNEWS DESK- ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को ग्रहों के अधिपति और आत्मा के कारक के रूप में सर्वोच्च स्थान दिया गया है। सूर्य देव वह प्रत्यक्ष देवता हैं जिन्हें अपनी आंखों से देखा जा सकता है। वे ऊर्जा, प्रकाश, जीवन और सफलता के प्रतीक माने जाते हैं। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित होता है, और इस दिन उनकी आराधना करने से जीवन में तेज, यश, धन, स्वास्थ्य और आत्मबल की वृद्धि होती है।

सूर्य उपासना के कई रूप हैं, परंतु उनमें सबसे प्रभावशाली है आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ। यह स्तोत्र महर्षि अगस्त्य द्वारा भगवान श्रीराम को युद्ध के समय दिया गया था, जब वे रावण से युद्ध करते हुए थक चुके थे। इस स्तोत्र के पाठ से श्रीराम ने आत्मबल पाया और विजय प्राप्त की। इसलिए इसे ‘विजय प्रदायक स्तोत्र’ भी कहा जाता है।
आदित्य हृदय स्तोत्र क्या है?
आदित्य हृदय स्तोत्र सूर्य देव की उपासना का अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली स्तोत्र है। यह मनुष्य की आंतरिक शक्ति, आत्मविश्वास और जीवन ऊर्जा को जागृत करता है। इसे ‘रामायण’ के युद्धकांड में वर्णित किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
रविवार को आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने के लाभ
सफलता और आत्मविश्वास
नियमित रूप से आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से आत्मबल बढ़ता है और व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी शांत व सफल रहता है।
नौकरी और व्यवसाय में उन्नति
यह स्तोत्र प्रमोशन, आर्थिक प्रगति और व्यापार में स्थिरता लाने में सहायक है। सूर्य की कृपा से कार्यक्षेत्र में सम्मान और पहचान मिलती है।
स्वास्थ्य में सुधार
सूर्य को जीवन का स्रोत कहा गया है। उनके स्तोत्र का पाठ करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रोगों से मुक्ति मिलती है।
नकारात्मक ऊर्जा का नाश
रविवार को सूर्योदय के समय स्नान के बाद इस स्तोत्र का जप करने से मन और घर की नकारात्मकता दूर होती है।
दीर्घायु और यश की प्राप्ति
आदित्य हृदय स्तोत्र व्यक्ति के जीवन में आयु, यश और समृद्धि को बढ़ाता है।
पाठ विधि
- रविवार के दिन प्रातः सूर्योदय से पहले स्नान करें।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूर्व दिशा की ओर मुंह करके बैठें।
- एक तांबे के पात्र में जल भरें और उसमें लाल फूल, अक्षत व गुड़ डालें।
- सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र का जप करें।
- इसके बाद “आदित्य हृदय स्तोत्र” का श्रद्धा और एकाग्रता से पाठ करें।
- अंत में भगवान सूर्य से अपनी मनोकामना कहें और आभार व्यक्त करें।
सूर्य देव के विशेष मंत्र
- “ॐ सूर्याय नमः”
- “ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः”
- “ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ”
सूर्य देव की उपासना आत्मबल और सकारात्मकता का सशक्त माध्यम है। रविवार के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में ऊर्जा, सफलता और शांति का संचार होता है। यह स्तोत्र न केवल भौतिक प्रगति देता है, बल्कि व्यक्ति को आत्मिक रूप से भी सशक्त बनाता है। सच ही कहा गया है— “जो सूर्य को नमस्कार करता है, वह जीवन के हर अंधकार पर विजय पा लेता है।”