knews desk : हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हर साल धूमधाम से मनाई जाती है। भक्तगण हनुमानजी का व्रत रखते हैं। पूजा करते हैं भोग लगाते हैं और सुंदर कांड का पाठ करते हैं। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन करवाने का विशेष महत्व होता है और ऐसा करने से आपको हनुमानजी का आशीर्वाद मिलता है।
राम भक्त भगवान हनुमान को कई नामों से जाना जाता है- संकटमोचन, बजरंगबली, अंजनीपुत्र, महाबल, रामेष्ट, पिंगाक्ष, वायु पुत्र आदि. मान्यता है कि, जो कोई उनकी पूजा करता, वह उसके जीवन के सारे कष्ट पलभर में दूर कर देते हैं. वहीं वह अपने भक्तों के जीवन में आने वाली हर बाधा और कष्ट का निवारण कर देते हैं. यूं तो भक्त साल में दो बार संकटों को हरने वाले संकट मोचन हनुमान जी की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं, जिसमें से पहली हनुमान जयंती चैत्र मास में मनाई जाती है, लेकिन इस बार अप्रैल महीने में पड़ने वाली जयंती की तारीख को लेकर लोग बहुत कंफ्यूज हैं. किसी का कहना है कि, हनुमान जयंती 05 अप्रैल को है, तो कोई 06 अप्रैल को मनाने की बात कह रहा है. तो….
तिथि
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 5 मार्च सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर हो रहा है और समापन 6 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर होगा. उदयातिथि 06 अप्रैल को पड़ने के कारण बजरंग बली का जन्मदिन गुरुवार को ही मनाया जाएगा. इस बार हनुमान जयंती हर्षण योग और हस्त एवं चित्रा नक्षत्र में मनाई जाएगी.
शुभ मुहूर्त
1-सुबह 06 बजकर 06 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक
2-सुबह 10 बजकर 49 मिनट से दोपहर में 12 बजकर 23 मिनट तक
3-दोपहर में 12 बजकर 23 मिनट से 01 बजकर 58 मिनट तक
4-दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक से 03 बजकर 32 मिनट तक
5-शाम 05 बजकर 07 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक
6-शाम 06 बजकर 41 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक
पूजन विधि
व्रत से पहले एक रात को जमीन पर सोने से पहले भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ हनुमान जी का स्मरण करें. अगले दिन प्रात: जल्दी उठकर दोबारा राम-सीता एवं हनुमान जी को याद करें. हनुमान जयंती प्रात: स्नान ध्यान करने के बाद हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प करें. इसके बाद, पूर्व की ओर भगवान हनुमानजी की प्रतिमा को स्थापित करें. विनम्र भाव से बजरंगबली की प्रार्थना करें. इसके बाद षोडशोपाचार की विधि विधान से श्री हनुमानजी की आराधना करें.
हनुमान मंत्र
इस दिन आप यहां बताए गए मंत्रों का जाप करते हैं तो इसके लाभ ही लाभ होंगे.