KNEWS DESK- शक्ति का महापर्व शारदीय नवरात्रि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा और शक्ति के सम्मान में मनाया जाता है। यह न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि भक्तों के लिए सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति प्राप्त करने का अवसर भी है। नवरात्रि का उत्सव अब अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, और इसी दौरान व्रत का पारण करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

नौ दिनों तक किए गए नवरात्रि व्रत का पारण नवमी तिथि समाप्त होने के बाद और दशमी तिथि के प्रारंभ में किया जाता है। यही दिन विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। जो लोग पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं, वे विजयादशमी के दिन ही व्रत खोलते हैं। इस साल विजयादशमी 2 अक्टूबर को है, इसलिए इस दिन नवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा।
नवरात्रि व्रत पारण में क्या खाना चाहिए
व्रत खोलते समय हल्का और सात्विक भोजन करना चाहिए। शुरूआत फलों के रस या साबूदाना से करें। इसके बाद हलवा, पूरी, चने और खीर का प्रसाद ग्रहण किया जा सकता है। ध्यान रखें कि यह भोजन देवी को अर्पित भोग के रूप में होना चाहिए। लंबे व्रत के बाद अचानक भारी या मसालेदार भोजन लेने से बचें।
नवरात्रि व्रत पारण में क्या नहीं खाना चाहिए
लहसुन और प्याज, मांसाहार, तामसिक चीजें साथ ही व्रत खोलते समय सीधे नमक का सेवन करने से बचें। पहले हल्का मीठा भोजन ग्रहण करना शुभ माना जाता है।
नवरात्रि व्रत पारण के नियम
- व्रत खोलने से पहले मां दुर्गा की पूजा करें।
- हलवा-पूरी का भोग लगाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
- पारण के दौरान केवल सात्विक और हल्का भोजन करें।
- नवमी तिथि को कन्या पूजन और हवन अवश्य करें।
- व्रत तभी पूर्ण माना जाता है जब हवन और कन्या पूजन किए गए हों।
नवरात्रि व्रत पारण का यह नियम और अनुशासन न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि शरीर को हल्का और ताजगी से भरपूर बनाए रखने में भी मदद करता है।