KNEWS DESK, विवाह पंचमी एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है, जो हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था, जिसे “श्रीराम विवाह उत्सव” के नाम से भी जाना जाता है। इस साल विवाह पंचमी 6 दिसंबर, 2024 को है। इस दिन खासतौर पर केले के पेड़ की पूजा करने की परंपरा है, जो वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
केले के पेड़ का शुभ महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार, केले का पेड़ विशेष रूप से शुभ माना जाता है और यह भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और बृहस्पति से जुड़ा हुआ है। विष्णु जी को केले का पेड़ प्रिय है, और घर के आंगन या बगीचे में केले के पेड़ का होना घर में सुख-समृद्धि और शांति लाता है। यह पेड़ विशेष रूप से वैवाहिक सुख और खुशहाली के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा का महत्व
विवाह पंचमी के दिन केले के पेड़ की पूजा करने का विशेष महत्व है। यह माना जाता है कि इस दिन केले के पेड़ की पूजा से वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याएं और अड़चनें दूर होती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा करने से गुरु ग्रह से जुड़ी समस्याएं समाप्त होती हैं, क्योंकि बृहस्पति ग्रह को विवाह, संतान और धर्म का कारक माना जाता है।
जो लोग वैवाहिक जीवन में परेशानी या विवाह में अड़चन का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह पूजा विशेष रूप से लाभकारी होती है। इस दिन केले के पेड़ की पूजा करने से जीवनसाथी के साथ रिश्ते मजबूत होते हैं और गुरु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है।
विवाह पंचमी पर केले के पेड़ की पूजा विधि
विवाह पंचमी के दिन केले के पेड़ की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
सुबह जल्दी उठें: सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ व सुगंधित कपड़े पहनें।
पीला सूत बांधें: केले के पेड़ के तने पर पीला सूत बांधें, क्योंकि पीला रंग समृद्धि और शुभता का प्रतीक है।
हल्दी-चंदन का तिलक: केले के पेड़ पर हल्दी और चंदन का तिलक करें।
फूल चढ़ाएं: फूलों की माला चढ़ाएं और केले के पेड़ को जल अर्पित करें।
धूपबत्ती और दीपक जलाएं: धूपबत्ती और घी का दीपक जलाकर श्रीराम के मंत्रों का जाप करें।
लक्ष्मी नारायण का ध्यान करें: पूजा करते समय भगवान श्रीराम और विष्णु जी का ध्यान करें, क्योंकि श्रीराम विष्णु जी के ही रूप हैं।
पंचामृत और अन्य सामग्री चढ़ाएं: अक्षत, पंचामृत, सुपारी, लौंग, इलायची और दीपक जैसी पूजन सामग्री चढ़ाएं।
21 परिक्रमा लगाएं: केले के पेड़ के चारों ओर 21 परिक्रमा लगाकर विवाह से जुड़ी अपनी मनोकामनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करें।