KNEWS DESK, भगवान शिव के भक्तों के लिए मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह व्रत न केवल साधकों को शांति और समृद्धि प्रदान करता है, बल्कि मनवांछित फल की प्राप्ति भी करता है। आश्विन माह में आने वाली मासिक शिवरात्रि के व्रत की कथा पढ़ना या सुनना आवश्यक होता है, ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।
कब है मासिक शिवरात्रि का व्रत?
इस वर्ष आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, 30 सितंबर 2024 को शाम 07:06 मिनट से चतुर्दशी तिथि का आरंभ होगा, जो अगले दिन रात 09:39 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन भगवान शिव की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11:47 मिनट से लेकर 1 अक्टूबर 2024 को प्रात: काल 12:35 मिनट तक है।
मासिक शिवरात्रि व्रत की कथा
मासिक शिवरात्रि की कथा का संबंध भगवान शिव की कृपा से है। एक समय की बात है, एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ एक गांव में रहता था। उसकी पत्नी धार्मिक कार्यों में बहुत रुचि रखती थी और हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत करती थी। एक दिन पत्नी की प्रेरणा से ब्राह्मण ने भी यह व्रत करने का निश्चय किया। उन्होंने विधिपूर्वक भगवान शिव की उपासना की और उनसे आशीर्वाद मांगा कि वे हमेशा उन पर कृपा बनाए रखें। व्रत के बाद, ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने गांववालों के लिए भोजन का आयोजन किया और पुजारियों को दक्षिणा दी। इस दिन उन्होंने अपनी भक्ति को साझा करते हुए अछूत और पवित्र भाग्य को भी सभी के साथ बांटा, जिसे भिक्षाटन कहा जाता है। इसी दिन, गांव में एक गरीब ब्राह्मण आया, जो कमजोर दिख रहा था। ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने उस गरीब को आदरपूर्वक भोजन कराया। उनकी भक्ति और दान-धर्म को देखकर महादेव बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने ब्राह्मण और उसकी पत्नी की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने का आशीर्वाद दिया। इस घटना के बाद से हर साल लोग भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखते हैं।