KNEWS DESK- सनातन धर्म में नाग पंचमी का विशेष महत्त्व होता है| नाग पंचमी सावन के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है| यह त्योहार इस बार 21 अगस्त के दिन पड़ रहा है| इस दिन जो भी नाग देवता की आराधना करता है उसके मन से सांप के प्रति डर खत्म हो जाता है और कुंडली से कालसर्प दोष भी खत्म हो जाता है| इस दिन भोलेनाथ की भी पूजा की जाती है|
इस बार नाग पंचमी बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है| क्योंकि इस दिन दो बहुत शुभ संयोग बन रहे हैं| शुक्ल योग और अभिजीत मुहूर्त जो बेहद खास बताया जा रहा है| इन शुभ योग का असर 4 राशि मेष, धनु, वृश्चिक और कुंभ पर पड़ेगा| जानकारी के अनुसार नाग पंचमी पर इन शुभ योग के कारण इन राशियों की सभी समस्याएं खत्म हो जाएंगी| वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा|
नागपंचमी तिथि और मुहूर्त
सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त सुबह 12:21 मिनट पर शुरू होगी और 22 अगस्त को सुबह 2:00 बजे तक रहेगी|नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:53 से लेकर 8:29 तक रहेगा|
नाग पंचमी मनाने का कारण
नाग शिव जी के लिए बहुत प्रिय माने जाते हैं| वह अपने गले में भी वासुकि नाग को धारण रखते हैं|नाग पंचमी के दिन नागों की आराधना से भोलेनाथ का अति प्रसन्न होते हैं| और कुंडली से काल सर्प दोष भी खत्म होता है|
नाग पंचमी मनाने की पौराणिक कथा
अर्जुन के पोते और राजा परीक्षित के बेटे जन्मजेय ने नागों के पूरे कुल को खत्म करने के लिए एक यज्ञ का आयोजन किया था| जो उनके पिता राजा परीक्षित की मृत्यु का बदला लेने के लिए था, जो तक्षक सांप के घातक काटने का शिकार हो गए थे| हालांकि, प्रसिद्ध ऋषि आस्तिक जनमजेय को यज्ञ करने से रोकने और नागों के बलिदान को बचाने की खोज में निकल पड़े| जिस दिन यह बलि रोकी गई वह शुक्ल पक्ष पंचमी थी, जिसे अब पूरे भारत में नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है|
नाग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें| साफ कपड़े पहनकर शिवलिंग पर जल, कच्चे दूध, दही और शहद चढ़ाएं| इसके बाद नाग देवता का भी अभिषेक करें और दूध का भोग लगाएं| फिर नाग देवता की आरती करें|