KNEWS DESK – हिन्दू धर्म में हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का पावन पर्व मनाया जाता है| इस साल रविवार 24 मार्च 2024 पर होलिका की पूजा एवं दहन किया जाएगा और 25 मार्च दिन सोमवार को होली खेली जाएगी| हिन्दू सनातन धर्म में होली पर्व को लेकर अनेक मान्यताएं भी हैं| कहते है कि होलिका दहन की पूजा, उसकी अग्नि और राख तमाम तरह की मुसीबतों को दूर करती है व बुरी नजर से बचाती है |
आपको बता दें कि होलिका दहन कि पूजा को देखने को लेकर भी कुछ मान्यताएं हैं, आइये जानते है कि क्या वो ख़ास बाते जिनका ध्यान रखना चाहिए और किन लोगों को यह होली से पहले की जाने वाली होलिका देहन की पूजा को नहीं देखना चाहिए |
नवविवाहित महिलाओं को दहन देखने से लगता दोष
हिन्दू धर्म कि मान्यता के अनुसार नवविवाहित महिलाओं को विवाह के बाद की पहली होली पर होलिका दहन पर पूजा करना व उसे जलते हुए देखना अशुभ माना जाता है| कहते है कि नवविवाहित महिलाओं को दहन होते हुए देखने से दोष लगता है साथ ही उसके सुख-सौभाग्य में कमी आने की आशंका बनी रहती है |
बहु और सास को भी एक साथ होलिका दहन देखना
कहते है कि बहु और सास को भी एक साथ होलिका दहन देखने और साथ में पूजा करने से दोष लगता है और| इस नियम कि अनदेखी करने वालों लोगों के यह सास और बहु के बीच हमेशा झगड़े होते रहते है और आपसी प्रेम कम होता जाता हैं |
महिलाओं को लेकर भी कुछ ख़ास नियम
हमारे सनातन धर्म में गर्भवती महिलाओं को लेकर भी कुछ ख़ास नियम बताए गए है | कहते है कि गर्भवती महिलाओं को होलिका महिलाओं को होलिका दहन कि पूजा करना या उसे देखना अच्छा नहीं माना जाता ऐसा करने से बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है |
नवजात शिशु को लेकर जाना वर्जित
इसके साथ ही नवजात शिशु को लेकर भी कई मान्यताएं है कहते है कि जिस जगह पर होलिका दहन किया जाता है वहां नकारात्मक शक्तियों का खतरा बना रहता है | इससे लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है | ऐसे में होलिका दहन के स्थान पर नवजात शिशु को लेकर जाना वर्जित है|