KNEWS DESK- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार काल सर्प दोष ऐसा अशुभ योग है जो व्यक्ति को करियर, व्यापार और निजी जीवन में बार‑बार परेशानियां दे सकता है। इसकी शांति के लिए नाग पंचमी (इस वर्ष 29 जुलाई 2025) को सबसे पुण्यदायी दिन माना गया है।
नाग पंचमी क्यों है विशेष?
धार्मिक मान्यता है कि नाग पंचमी पर नाग देवता प्रसन्न रहते हैं। इस दिन भगवान शिव तथा नागों की पूजा और उपयुक्त मंत्रों का जाप करने से काल सर्प दोष का प्रभाव काफी कम हो सकता है।
महामृत्युंजय मंत्र की शक्ति
महामृत्युंजय मंत्र, जिसे मृत्युंजय या त्र्यंबक मंत्र भी कहते हैं, भगवान शिव को समर्पित है और भय, रोग, अकाल मृत्यु तथा काल सर्प दोष जैसी बाधाएँ दूर करने में सहायक माना जाता है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
नाग पंचमी पर जाप की विधि
- रुद्राक्ष माला से 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- नाग देवता और भगवान शिव को दूध, फूल व बिल्वपत्र अर्पित करें।
- पूजन समाप्ति के बाद परिवार सहित प्रसाद ग्रहण करें।
मंत्र जाप के नियम
संभव हो तो 108 जाप करें; श्रद्धानुसार 11, 21 या 51 बार भी कर सकते हैं।
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुशासन पर बैठें।
मन को शांत रखें; बीच‑बीच में बातचीत न करें।
अन्य उपयोगी मंत्र
दोष निवारण मंत्र नाग गायत्री मंत्र ॐ नवकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्पः प्रचोदयात् 108 बार जाप करें। दूसरा मंत्र ॐ नमः शिवाय 108 बार जाप करें। ॐ नागदेवताय नमः 21 या 51 108 बार जाप करें।
फायदे क्या‑क्या मिलते हैं?
- अकाल मृत्यु का भय कम होता है।
- शारीरिक‑मानसिक रोगों में राहत मिलती है।
- जीवन में सुख‑शांति और समृद्धि बढ़ती है।
- नकारात्मक ऊर्जा दूर होकर सकारात्मकता का संचार होता है।
इस नाग पंचमी (29 जुलाई 2025) पर विधिपूर्वक महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और काल सर्प दोष की बाधाओं से मुक्ति पाकर सुखद एवं सफल जीवन की ओर कदम बढ़ाएँ।