जल्द शुरू होंगे शारदीय नवरात्र, जानें Navratri में कलश स्थापना का क्या है महत्व

KNEWS DESK, इस साल 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जो माता दुर्गा की आराधना का पावन पर्व होता है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है, कलश स्थापना के माध्यम से हम मां दुर्गा की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना कर सकते हैं। कलश स्थापना इस महापर्व का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आइए जानते हैं इस पवित्र पर्व पर कलश स्थापना का क्या महत्व होता है।

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कलश स्थापना का महत्व

1. धार्मिक मान्यता

कलश को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे जल, चावल, और कुशा घास से भरकर घर में स्थापित किया जाता है। यह कलश मां दुर्गा का प्रतीक होता है, और इसके माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।

2. शक्ति का प्रतीक

कलश स्थापना के साथ भक्त माता दुर्गा से शक्ति, सुख और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। इसे शक्ति का अवतार माना जाता है, जो परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

3. पूजा का केंद्र

कलश स्थापना के बाद, भक्त विभिन्न अनुष्ठान और पूजा विधियों का पालन करते हैं। यह पूजा पूरे नवरात्रि तक चलती है, जिसमें हर दिन देवी की विशेष रूप से पूजा की जाती है।

4. पवित्रता और शुद्धता

कलश स्थापना के साथ घर को शुद्ध करने का भी महत्व है। यह न केवल भौतिक शुद्धता का प्रतीक है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धता की ओर भी संकेत करता है।

5. संस्कार और परंपरा

कलश स्थापना भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण परंपरा है। यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक आस्था और समर्पण को दर्शाता है। परिवार के सभी सदस्य मिलकर इसे करते हैं, जिससे एकता और समर्पण की भावना प्रबल होती है।

कलश स्थापना की विधि

सबसे पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें। फिर मिट्टी या धातु का एक साफ कलश लें। कलश को जल, चावल, और कुछ हरी पत्तियों से भरें। कलश के मुंह पर नारियल रखें, जिसे लाल कपड़े से लपेटा जा सकता है। गंगाजल का छिड़काव करें और मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर का पूजन करें। इसके अलावा अंत में देवी की आरती करें और भक्तिपूर्वक प्रार्थना करें।

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