आज पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है, इसके साथ साथ आज शनि प्रदोष व्रत भी है। यह पर्व हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि तिथि पर ही पहली बार महादेव का प्राकट्य ज्योतिर्लिंग यानी अग्नि के शिवलिंग के रूप में था। साथ ही इस दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। महाशिवरात्रि के साथ शनि प्रदोष का शुभ संयोग होने से शिव भक्तों को महाशिवरात्रि की पूजा के साथ ही शनि प्रदोष का लाभ भी मिल सकेगा, जो शनि की पीड़ा से आपको मुक्ति दिलाएगा। ज्योतिष शास्त्र में महाशिवरात्रि के साथ शनि प्रदोष के संयोग का महत्व बताते हुए कुछ उपाय भी बताए गए हैं। इन उपायों के करने से महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है।
महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का शुभ संयोग
महाशिवरात्रि पर इस बार कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन शनि प्रदोष का होना धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ और लाभकारी संयोग है। संतान प्राप्ति की कामना और शनि दोष को दूर करने के लिए यह तिथि बेहद महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही इस बार महाशिवरात्रि पर शनिदेव अपनी ही राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे, साथ ही यहां सूर्य देव भी मौजूद हैं। इस तरह महाशिवरात्रि पर पिता-पुत्र यानी सूर्य और शनिदेव एक ही राशि में विराजमान होंगे। वहीं गुरु भी अपनी मीन राशि में होंगे और साथ ही सर्वार्थ सिद्धि जैसा महायोग बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व बढ़ गया है।
शिव-शनि की कृपा के लिए करे ये उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा-अर्चना विधि-विधान से करें और भगवान शिव का अस्त्र त्रिशूल चढ़ाएं। इसके साथ ही शिवलिंग पर काली उड़द की दाल, काले तिल और सरसों का तेल भी अर्पित करें। ऐसा करने से शनि से संबंधित कष्ट दूर होंगे और महादेव के साथ शनि कृपा भी प्राप्त होगी।
शनि दोष से मुक्ति के लिए उपाय
महाशिवरात्रि के दिन शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और पांच तरह की मिठाई से भोग लगाएं। इसके बाद पांच घी के दीपक जलाएं और सात बार परिक्रमा करें। पीपल की पूजा के बाद हनुमानजी के भी दर्शन करें। ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
शनिदेव के आशीर्वाद से खत्म होंगे सारे कष्ट
शनि दोष से मुक्ति के लिए महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का भस्म व तिलाभिषेक करें। साथ ही गंगाजल में काले तिल मिलाकर अर्पित करें और शक्कर का भोग लगाएं। इसके बाद शिव चालीसा के साथ दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से भगवान शिव और शनिदेव का आशीर्वाद मिलता है और सभी परेशानियां दूर होती हैं।
महाशिवरात्रि पर पार्थव शिवलिंग की पूजा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है और शिव-शक्ति का भी आशीर्वाद मिलता है। पार्थव शिवलिंग पर महाशिवरात्रि पर तेल से अभिषेक करें और फिर दूध, दही, घी, नर्मदा जल, शहद, गन्ना का रस आदि से अभिषेक करें। ऐसा करने से शनि से संबंधित सभी कष्ट दूर होते हैं और करियर में तरक्की होती है।