KNEWS DESK- पूरे देश में शारदीय नवरात्रि का पर्व बड़े हर्ष और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। इस बार नवरात्रि बेहद खास है क्योंकि इसमें एक दुर्लभ संयोग बन रहा है। आमतौर पर मां चंद्रघंटा की पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन होती है, लेकिन इस साल तृतीया तिथि दो दिनों तक रहने और चतुर्थी के संगम के कारण मां चंद्रघंटा की आराधना लगातार 24 और 25 सितंबर 2025 को की जाएगी।

यह विशेष योग अत्यंत शुभ माना जा रहा है और मान्यता है कि इन दो दिनों की पूजा से भक्तों को मां की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
क्यों की जाती है मां चंद्रघंटा की पूजा?
मां चंद्रघंटा, मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं। इन्हें साहस और वीरता की देवी कहा जाता है। मां चंद्रघंटा की आराधना से भय, चिंता और मानसिक अशांति दूर होती है। भक्त को आत्मविश्वास और धैर्य प्राप्त होता है। उनकी कृपा से शत्रुओं पर विजय, सकारात्मक ऊर्जा और जीवन में स्थिरता आती है।
पूजा विधि
- पूजा स्थल को साफ करके वहां माता की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- शांत मन से मां चंद्रघंटा का ध्यान करें और मंत्र “ॐ चंद्रघंटायै नमः” का जाप करें।
- दीपक और अगरबत्ती जलाकर अर्पित करें।
- मां को लाल और पीले फूल, फल, मिठाई, श्रृंगार सामग्री और शुद्ध जल चढ़ाएं।
- पूजा के बाद आरती करें और साहस व शांति की प्रार्थना करें।
- प्रसाद ग्रहण करें और परिवार के साथ बांटें।
शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:48 से दोपहर 12:37 तक
- अमृत काल: सुबह 9:17 से 11:05 तक
नवरात्रि 2025 नौ दिनों का पूरा शेड्यूल
- 22 सितंबर – मां शैलपुत्री
- 23 सितंबर – मां ब्रह्मचारिणी
- 24 सितंबर – मां चंद्रघंटा
- 25 सितंबर – मां चंद्रघंटा (विशेष संयोग)
- 26 सितंबर – मां कूष्माण्डा
- 27 सितंबर – मां स्कंदमाता
- 28 सितंबर – मां कात्यायनी
- 29 सितंबर – मां कालरात्रि
- 30 सितंबर – मां महागौरी
- 1 अक्टूबर – मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि 2025 में मां चंद्रघंटा की पूजा का यह अनोखा संयोग भक्तों के लिए विशेष फलदायी माना जा रहा है। श्रद्धा और भक्ति से पूजा करने पर मां चंद्रघंटा हर प्रकार के भय और बाधाओं को दूर करती हैं और जीवन में साहस और सुख-शांति का संचार करती हैं