KNEWS DESK, 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का शुभ पर्व प्रारंभ होने जा रहा है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा श्रद्धा और भक्ति से की जाएगी। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के बाद, अखंड ज्योति प्रज्वलित करना विशेष महत्व रखता है। यह न केवल पूजा की शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि जीवन में उजाला और समृद्धि लाने का भी कार्य करता है।
अखंड ज्योति जलाने का महत्व
नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से घर के अंधकार को दूर किया जा सकता है। यह जीवन में सकारात्मकता और खुशी लाने का सिंबल माना जाता है। यदि कोई भक्त मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा करता है, तो उन्हें अखंड ज्योति जलाना अनिवार्य है। इस ज्योति का पूरे नौ दिनों तक जलते रहना शुभ माना जाता है। अगर यह बीच में बुझ जाए, तो यह अशुभ संकेत होता है। जिन घरों में अखंड ज्योति पूरे नौ दिनों तक जलती रहती है, वहां सुख-समृद्धि का वास होता है और मां दुर्गा का आशीर्वाद बना रहता है।
अखंड ज्योति जलाने के नियम
नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त देखकर कलश स्थापना करें। पूजा की शुरुआत के समय अखंड ज्योति प्रज्वलित करें। यदि आप मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं तो दीपक घी, सरसों तेल या तिल के तेल में जलाना चाहिए। घी का दीपक मां दुर्गा की मूर्ति के दाहिनी तरफ रखें। सरसों या तिल के तेल का दीपक बाईं तरफ रखें। दीपक को उड़द दाल, चावल या काले तिल के ऊपर रखें। वहीं ज्योति की लौ उत्तर, पूर्व या पश्चिम दिशा में हो, दक्षिण दिशा में नहीं। दीए में आवश्यकता के अनुसार तेल या घी डालें। जिससे दीपक पूरे नौ दिनों तक जलता रहे। इसके लिए इसमें नियमित रूप से घी या तेल डालते रहें। हालांकि यदि दीया जलते-जलते बुझ जाता है तो मां दुर्गा से माफी मांगकर दोबारा दीपक जलाएं। इसके अलावा नौ दिनों के बाद भी अगर दीया जलता रहता है, तो उसे फूंक मारकर नहीं बुझाना चाहिए। इसे स्वयं बुझने दें।
अखंड ज्योति जलाने के फायदे
अखंड ज्योति जलाने से घर में धन और समृद्धि का वास होता है। यह घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और जीवन में खुशहाली लाती है। नियमित रूप से पूजा करने से मां दुर्गा अपने भक्तों को खुशहाल जीवन जीने का आशीर्वाद देती हैं। वहीं इस ज्योति के माध्यम से भक्तों को समस्याओं और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।