KNEWS DESK, मां दुर्गा का धरती पर आगमन और प्रस्थान हमेशा से विशेष सवारी के साथ होता है। इस वर्ष, माता रानी डोली यानी पालकी पर सवार होकर आएंगी। आइए जानते हैं कि माता रानी के आगमन और प्रस्थान का क्या अर्थ है और इसका हम पर क्या पड़ता है।
डोली पर सवार होकर आएंगी देवी मां
हिंदू धर्म में मान्यता है कि माता दुर्गा हर साल विभिन्न वाहनों पर सवार होकर आती हैं और इस साल शारदीय नवरात्र के दौरान माता रानी का आगमन डोली पर होगा। नवरात्रि का आरंभ बृहस्पतिवार, 3 अक्टूबर 2024 को होगा, जिस दिन से माता रानी की पूजा आरंभ होगी। बता दें कि धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, माता दुर्गा का डोली पर सवार होकर आना शुभ नहीं माना जाता है। देवी पुराण के अनुसार, यह संकेत करता है कि देश में आर्थिक मंदी आ सकती है, प्रकृति का रौद्र रूप जान-माल का नुकसान कर सकता है, और राजनीतिक अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न हो सकता है। साथ ही, यह महामारी के बढ़ने के संकेत भी देता है।
चरणायुध पर जाने का प्रभाव
माता रानी के जाने की सवारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। इस वर्ष, मां दुर्गा चरणायुध, यानी बड़े पंजे वाले मुर्गे पर वापस जाएंगी। यह संकेत अशुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थिति में आपसी कलह बढ़ सकती है और तबाही की स्थिति बन सकती है। माता के मुर्गे पर लौटने से लोगों के कष्टों में वृद्धि हो सकती है, और वे विभिन्न रोगों से परेशान हो सकते हैं।