KNEWS DESK- देश में भगवान शिव के जितने भी पुराने मंदिर हैं उन सभी में 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है| जिनमें से तीसरा महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है|जहां पर सावन मास में प्रति वर्ष महाकाल की सवारी निकाली जाती है| लाखों की भीड़ में भक्त इसे देखने के लिए आते हैं|उज्जैन में भोलेनाथ को राजा माना जाता है| यहां के लोगों का कहना है कि भगवान महाकाल सावन मास में अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए पालकी में प्रकट होते हैं| चलिए आपको बताते हैं कि इस साल ये सवारी कब निकलेगी और दूर रहने वाले लोग इसको लाइव कैसे देख सकते हैं…?
10 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है|इसी दिन भगवान शिव की पहली सवारी निकलेगी| जिसमें भगवान महाकाल चंद्रमौलेश्वर रूप में दर्शन देंगे| कार्यक्रम के अनुसार पूजा के बाद शाम 4 बजे भगवान शिव की पालकी मंदिर से बाहर निकलेगी| यहां पुलिस के द्वारा भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा| यहां से सवारी महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट रवाना होगी| रामघाट पर पूजा के बाद सवारी दानी गेट, ढाबा रोड़, गोपाल मंदिर के सामने से होते हुए मंदिर आ जाएगी|
महाकाल मंदिर में सावन मास के शुरू होते ही भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है| सोमवार को ज्यादा भीड़ के कारण 250 रूपए वाली शीघ्र दर्शन व्यवस्था और प्रोटोकाल की व्यवस्था पर प्रतिबन्ध रहेगा| यानी लाइन में लगकर ही सभी लोगों को महाकाल मंदिर में प्रवेश मिलेगा| भक्तों की भारी संख्या देखते हुए रोज सुबह होने वाली भस्मारती के समय बदला गया है| जो कि सुबह 4 की जाने वाली भस्मारती सावन मास के समय प्रतिदिन सुबह 3 बजे की जाएगी और सावन के हर सोमवार को इसका समय रात 2.30 बजे कर दिया गया है| भक्तों का गर्भगृह में प्रवेश भी सावन मास में बंद रहेगा। ये नियम 11 सितंबर तक लागू रहेगा|
इस बार कब-कब निकलेगी महाकाल की सवारी?
पहली सवारी- 10 जुलाई को
दूसरी सवारी- 17 जुलाई को
तीसरी सवारी- 24 जुलाई को
चौथी सवारी- 31 जुलाई को
पांचवी सवारी- 7 अगस्त को
छठी सवारी- 14 अगस्त को
सातवीं सवारी- 21 अगस्त को
आठवीं सवारी- 28 अगस्त को
नौवीं सवारी- 4 सितंबर क
अंतिम शाही सवारी- 11 सितंबर को