KNEWS DESK- जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जिसे आमतौर पर अगस्त या सितंबर महीने में मनाया जाता है।भगवान श्रीकृष्ण को विष्णु के आठवें अवतार के रूप में पूजा जाता है। वे मथुरा के राजा कंस के कारावास में देवकी और वासुदेव के पुत्र के रूप में जन्मे थे। कंस ने देवकी के आठवें पुत्र से अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी सुनी थी, जिससे भयभीत होकर उसने उन्हें जेल में बंद कर दिया था। श्रीकृष्ण के जन्म के समय, वासुदेव ने उन्हें गोकुल में यशोदा और नंद बाबा के पास सुरक्षित पहुँचाया। यहाँ श्रीकृष्ण ने अपने बाल्यकाल का समय बिताया, जहाँ उन्होंने कई दिव्य लीलाएँ कीं, जैसे माखन चुराना और गोपियों के साथ रासलीला करना।जन्माष्टमी का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों का स्मरण करना है। श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया, जिसमें उन्होंने धर्म, कर्म और मोक्ष के मार्ग का विवरण दिया।
मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी का विशेष महत्व है, क्योंकि ये स्थान भगवान कृष्ण के जीवन से जुड़े हुए हैं। इन स्थानों पर जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है, जहाँ झांकियों के माध्यम से भगवान के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को प्रदर्शित किया जाता है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है| इस बार पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को सुबह 3:39 बजे से प्रारंभ होगी और 27 अगस्त को सुबह 2:19 बजे पर समाप्त होगी| ऐसे इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 26 अगस्त दिन सोमवार को मनाया जाएगा| इस साल भगवान श्रीकृष्ण का 5251 वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा| कृष्ण जन्माष्टमी के पूजन का शुभ मुहूर्त 26 अगस्त को दोपहर 12 बजे से 27 अगस्त की देर सुबह 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा| जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र दोपहर 03 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ होगी और 27 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी|