सपने में पितरों का दिखना शुभ संकेत या चेतावनी? जानिए गरुड़ पुराण क्या कहता है

KNEWS DESK- स्वप्न शास्त्र के अनुसार, सपनों और वास्तविक जीवन के बीच गहरा संबंध माना गया है। सपने केवल रात में दिखाई देने वाली कल्पनाएं नहीं होते, बल्कि वे आने वाले समय के संकेत भी देते हैं। कुछ सपने अत्यंत शुभ होते हैं, जबकि कुछ सपने व्यक्ति को चिंतित कर देते हैं। स्वप्न शास्त्र मानता है कि हर सपना अपने भीतर कोई न कोई गूढ़ संदेश छिपाए होता है।

सपने में मृत परिजनों या पितरों का दिखना क्या दर्शाता है?
जब किसी व्यक्ति को सपने में उसके दिवंगत परिजन या पितर दिखाई देते हैं, तो मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि यह सपना शुभ है या अशुभ। इस प्रश्न का स्पष्ट उत्तर गरुड़ पुराण में मिलता है। गरुड़ पुराण 18 महापुराणों में से एक है, जो भगवान विष्णु और पक्षीराज गरुड़ के संवाद पर आधारित है। इसी संवाद में सपने में पितरों के दर्शन का अर्थ विस्तार से बताया गया है।

गरुड़ पुराण के अनुसार सपने में पितरों का संदेश
गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु बताते हैं कि सपने में पितरों का दिखना साधारण घटना नहीं, बल्कि एक संकेत होता है। यह संकेत व्यक्ति के कर्म, कर्तव्य और पितरों की आत्मिक स्थिति से जुड़ा होता है।

सपने में पितरों का खुश और शांत दिखाई देना
यदि सपने में पूर्वज शांत, प्रसन्न या मुस्कुराते हुए नजर आएं, तो इसे बहुत शुभ माना जाता है। यह सपना इस बात का संकेत है कि पितर अपने वंशजों के कर्मों से संतुष्ट हैं और उन्हें आशीर्वाद दे रहे हैं। साथ ही, यह भी माना जाता है कि उनकी आत्मा को पूर्ण शांति प्राप्त हो चुकी है।

सपने में पितरों का भोजन या जल मांगना
अगर सपने में पितर भोजन, पानी या किसी अन्य वस्तु की मांग करते हुए दिखाई दें, तो इसका अर्थ होता है कि वे अपने वंशजों को उनके कर्तव्यों की याद दिला रहे हैं। ऐसे सपने के बाद श्राद्ध, तर्पण और पितरों से जुड़े कर्म विधिपूर्वक करने की सलाह दी जाती है।

सपने में पितरों का दुखी या बेचैन दिखना
वहीं, यदि सपने में पूर्वज दुखी, परेशान या अशांत दिखाई दें, तो यह चेतावनी का संकेत माना जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, ऐसा सपना दर्शाता है कि पितरों की आत्मा की शांति के लिए उचित पूजा-पाठ और अनुष्ठान करने की आवश्यकता है।

स्वप्न शास्त्र और गरुड़ पुराण के अनुसार, सपने में पितरों का दिखना जीवन में मार्गदर्शन देने वाला संकेत होता है। ऐसे सपनों को नजरअंदाज करने के बजाय उनके अर्थ को समझकर उचित कर्म करना व्यक्ति के लिए कल्याणकारी माना जाता है।

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