आज से शिव आस्था और भक्ति का पवित्र श्रावण मास शुरू, 19 साल बाद बन रहा संयोग

KNEWS DESK-  शिव शंभू का पावन महीना सावन 4 जुलाई यानी आज से शुरू हो गया है। सावन के पूरे महीने शिव की आराधना श्रेष्ठ मानी जाती है। सावन सोमवार के दिन व्रत रखते हुए भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। सावन, चातुर्मास का पहला महीना कहलाता है।  देवशयनी एकादशी के बाद जब भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं तब सृष्टि का संचालन भोलेनाथ करते हैं।
साल 2023 में सावन का महीना 4 जुलाई से 31 अगस्त 2023 तक चलेगा। इस बार सावन 59 दिनों का है, क्योंकि इस दौरान अधिकमास भी रहेगा। सावन में अधिक मास की शुरुआत 18 जुलाई 2023 से होगी और 16 अगस्त 2023 को इसकी समाप्ति होगी। ऐसे में शिव भक्तों के लिए सावन बहुत खास होने वाला है।

बताया यह भी गया है कि 19 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है कि श्रावण में अधिकमास होने के कारण 8 सावन सोमवार व्रत और 9 मंगला गौरी व्रत आएंगे।  मान्यता है कि श्रावण के हर सोमवार पर शिवलिंग का रुद्राभिषेक और जलाभिषेक करने पर तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन खुशियों से भर जाता है।

मान्यताओं के अनुसार,  देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक भगवान विष्णु योगनिद्रा में होते हैं। ऐसे में सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में रहता है। अधिकमास के चलते इस बार चातुर्मास चार के बजाय पांच महीनों का होगा। सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना पांचवां महीना होता है।
सावन का महीना और इसमें पड़ने वाले सोमवार व्रत का सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत ही खास होता है। सावन सोमवार के दिन विवाहित महिलाएं दिनभर व्रत रखते हुए शिवजी और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हुए पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं दूसरी तरफ सावन सोमवार का व्रत कुंवारी कन्याएं शिवजी की पूजा करते हुए अपने लिए सुयोग्य वर की कामना करती हैं।

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