हरतालिका तीज 2025: पहली बार व्रत रखने वाली महिलाएं जरूर जानें व्रत की तिथि, महत्व और नियम

KNEWS DESK- हिंदू धर्म में हरतालिका तीज व्रत का विशेष महत्व है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए यह व्रत करती हैं, जबकि अविवाहित कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत का पालन करती हैं।

हर साल यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है। साल 2025 में हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त 2025 (मंगलवार) को रखा जाएगा।

पूजा का महत्व

  • इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
  • महिलाएं रेत से बनी शिव-पार्वती की प्रतिमा बनाकर विधिवत पूजा करती हैं।
  • यह व्रत सुखद वैवाहिक जीवन और संतान प्राप्ति के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।

पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए जरूरी नियम

  1. हरतालिका तीज का व्रत निर्जला होता है। यानी इसमें अन्न, फल, जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता।
  2. जो महिलाएं पहली बार यह व्रत रख रही हैं और शरीर से कमजोर हैं, उन्हें इसे रखने से बचना चाहिए।
  3. गर्भवती महिलाओं को भी यह व्रत नहीं करना चाहिए, यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
  4. व्रत के दौरान सोना वर्जित है।
  5. दिनभर भगवान के नाम का जप और भजन-कीर्तन करना चाहिए।
  6. किसी भी प्रकार के कलह या विवाद से बचें, और दिन को प्रेम व सद्भाव से बिताएं।
  7. पूजा-अर्चना विधिवत करनी चाहिए और सही समय पर व्रत का पारण करना आवश्यक है।

पूजा का शुभ समय

  • हरतालिका तीज पर सुबह का समय पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
  • अगर किसी कारणवश सुबह पूजा संभव न हो, तो शाम के समय प्रदोष काल में पूजा करनी चाहिए।

हरतालिका तीज केवल एक व्रत ही नहीं, बल्कि वैवाहिक जीवन की खुशहाली और मनचाही इच्छाओं की पूर्ति का पावन पर्व है। इसे श्रद्धा और विधि-विधान से करने पर इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है।