हनुमान जयंती भगवान हनुमानजी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भक्त बजरंगबली के नाम का व्रत रखते हैं। हर साल हनुमान जयंती चैत्र मास (हिन्दू माह) की पूर्णिमा को मनाई जाती है, हालांकि कई जगहों पर यह पर्व कार्तिक मास (हिन्दू माह) के कृष्णपक्ष के चौदवें दिन भी मनाई जाती है। इस साल चैत्र मास की पूर्णिमा 16 अप्रैल, शनिवार को है।
शुभ मुहूर्त
हनुमान जयंती पर सुबह 8 बजकर 40 मिनट तक हस्त नक्षत्र है. इसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो जाएगा. ये दोनों नक्षत्र मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं. वहीं, अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. पूजा के लिए यही सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त होगा.
हनुमान जयंती पर कैसे करें पूजा?
हनुमान जी के जन्मोत्सव पर हो सके तो हनुमान जी के सामने तेल या घी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें. सुंदरकांड का पाठ करें. उड़द के आटे से दीपक बनाकर सूत के धागे से बत्ती बनाएं.
हनुमान जी के मंत्र-
श्री हनुमंते नम:
हनुमान जी का मूल मंत्र
ओम ह्रां ह्रीं ह्रं ह्रैं ह्रौं ह्रः॥ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।
हनुमान जयंती से जुड़ी पौराणिक कथा-
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अंजना एक अप्सरा थीं, हालांकि उन्होंने श्राप के कारण पृथ्वी पर जन्म लिया और यह श्राप उनपर तभी हट सकता था जब वे एक संतान को जन्म देतीं। वाल्मीकि रामायण के अनुसार केसरी श्री हनुमान जी के पिता थे। वे सुमेरू के राजा थे और केसरी बृहस्पति के पुत्र थे। अंजना ने संतान प्राप्ति के लिए 12 वर्षों की भगवान शिव की घोर तपस्या की और परिणाम स्वरूप उन्होंने संतान के रूप में हनुमानजी को प्राप्त किया। ऐसा विश्वास है कि हनुमानजी भगवान शिव के ही अवतार हैं।