KNEWS DESK- सिख धर्म का सबसे बड़ा और लोकप्रिय पर्व गुरू नानक जयंती आज यानी 27 नवंबर को मनाया जा रहा है। इसे हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। आपको बता दें कि इस साल नानक देव जी की 554वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। तो चलिए आज इस खास मौके पर आपको गुरू नानक जयंती से जुड़ी जरूरी बातें बताते हैं-
जानें कौन हैं गुरू नानक?
नानक जी का जन्म 1469 को पंजाब के तलवंडी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। यह स्थान अब पाकिस्तान में है। इस जगह को ननकाना साहिब भी कहा जाता है। इनके पिता का नाम कल्याण चंद और माता का नाम तृप्ता था। 16 साल की नानक जी ने दौलत खान लोदी के अधीन काम करना शुरू किया। इसके बाद 24 सितंबर 1487 को इनका विवाह माता सुलक्कनी के साथ हुआ। नानक सिख धर्म के संस्थापक थे। गुरु नानक जी द्वारा 974 भजनों का योगदान दिया गया है। सिख धर्म के लोग अपने गुरु की जयंती कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाते हैं।
आखिर क्यों गुरू नानक जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है?
गुरु नानक जी ने अपना पूरा जीवन समाज सुधार के कार्यों में समर्पित कर दिया। इन्होंने जात-पात और ऊंच-नीच के भेदभाव को दूर करने के लिए खास कदम उठाए और लोगों को इंसानियत व ईमानदारी की एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया। इसके लिए इन्होंने कई उपदेश दिए। नानक साहब द्वारा समाज सुधार के लिए ज्ञान का प्रकाश फैलाया गया है। यही कारण है कि इनकी जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।
गुरु नानक गुरु वाणी
इक ओंकार सतनाम करता पुरख
अकाल मूरत
अजूनी सभम
गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच
है भी सच नानक होसे भी सच
सोचे सोच न हो वे
जो सोची लाख वार
छुपे छुप न होवै
जे लाइ हर लख्ता
रउखिया पुख न उतरी
जे बनना पूरिया पार
सहास्यांपा लाख वह है
ता एक न चले नाल
के वे सच यारा होइ ऐ
के वे कूड़े टूटते पाल
हुकुम रजाई चलना ना
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