इंदिरा एकादशी पर करें दान, पितरों की आत्मा को मिलेगी शांति, भगवान विष्णु का प्राप्त होगा आर्शीवाद

KNEWS DESK, इंदिरा एकादशी का पर्व पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और उन्हें शांति प्रदान करने का महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिन दान करने से न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि श्रद्धालुओं को भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

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इंदिरा एकादशी का दिन न केवल पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का अवसर है, बल्कि यह हमें अपने कर्मों के प्रति सजग रहने की भी सीख देता है। भगवान विष्णु की पूजा और सही प्रकार का दान करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

दान का महत्व

इंदिरा एकादशी पर किए गए दान का फल सीधे पितरों को मिलता है। इस दिन दान करने से जीवन में सुख-शांति, धन-धान्य की प्राप्ति, और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस वर्ष, इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर, शनिवार को रखा जाएगा, जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 7:42 बजे से 9:12 बजे तक रहेगा।

इंदिरा एकादशी पर क्या करें दान 

  तिल: तिल को पितरों का प्रिय माना जाता है। इसका दान करने से पितरों को शांति मिलती है।

  काले तिल: इसे यमराज का प्रतीक माना जाता है। इसका दान करने से पितरों को यमराज के प्रकोप से मुक्ति मिलती है।

  पिंडदान: पितरों का पिंडदान करना बहुत शुभ माना जाता है, जिससे उनकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है।

  गाय: गाय को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। इसका दान करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है और पितरों को मोक्ष मिलता है।

  अनाज और कंबल: गरीबों को कंबल और अनाज दान करने से पितरों को सुख मिलता है।

  वस्त्र और फल: गरीबों को वस्त्र और फल दान करने से पितरों को स्वर्ग में सुख प्राप्त होता है।

दान करते समय ध्यान देने योग्य बातें

  • दान करते समय मन में किसी प्रकार का लोभ या अहंकार नहीं होना चाहिए।
  • दान करते समय पितरों का नाम लेकर प्रार्थना करनी चाहिए।
  • दान खुशी और मुस्कुराहट के साथ करना चाहिए, साथ ही मन में भेदभाव का भाव नहीं होना चाहिए।

 

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