KNEWS DESK, पितृपक्ष 2024 की शुरुआत 18 सितंबर से हो चुकी है, जो 2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या पर समाप्त होगा। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध भोज का आयोजन किया जाता है। पितृपक्ष में तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन इसके साथ कुछ गलतियों से बचना भी आवश्यक है। इन गलतियों से पितर रूठ सकते हैं, जो आपके घर की सुख-शांति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। आइए जानते हैं, तुलसी से जुड़ी ये महत्वपूर्ण बातें क्या हैं-
1. तुलसी की पवित्रता का रखें ध्यान
तुलसी को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। पितृपक्ष में, जब आप श्राद्ध या तर्पण करते हैं, तो भूलकर भी तुलसी को छूना नहीं चाहिए। मान्यता है कि इस दौरान पितरों की आत्माएं पृथ्वी पर आती हैं, और तुलसी का स्पर्श पवित्रता को हानि पहुंचा सकता है। इसलिए, इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी का पौधा हमेशा स्वच्छ और पवित्र रहे।
2. तुलसी की पत्तियां न तोड़ें
पितृपक्ष में तर्पण या श्राद्ध की विधि में तुलसी का कोई स्थान नहीं है। इस दौरान तुलसी की पत्तियां न तोड़ने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को दुख पहुंच सकता है और वे रूठ सकते हैं। इस समय, तुलसी का ध्यान रखना आवश्यक है, ताकि पितरों की कृपा बनी रहे।
3. तुलसी पूजा में सावधानी
यदि आपके घर में नियमित रूप से तुलसी की पूजा होती है, जैसे कि अर्घ्य देना, परिक्रमा करना और सांझ-बाती करना, तो इसमें कोई रोक नहीं है। लेकिन यह ध्यान रखें कि तुलसी पूजा करने वाला व्यक्ति श्राद्ध या तर्पण न करे। तुलसी की पूजा करने वाले और श्राद्ध या तर्पण करने वाले व्यक्तियों के बीच स्पष्ट अलगाव होना चाहिए, ताकि पितरों की आत्मा को अपमान न पहुंचे।
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