Dhanteras 2025: धनतेरस पर क्यों की जाती है खरीदारी? जानिए इसके पीछे की वजह

KNEWS DESK- हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष धनतेरस 18 अक्टूबर (शनिवार) को मनाई जाएगी। त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 अक्टूबर दोपहर 1 बजकर 51 मिनट पर होगा। इसलिए शुभ मुहूर्त में 18 अक्टूबर को धनतेरस पर्व का उत्सव मनाया जाएगा।

क्यों की जाती है धनतेरस पर खरीदारी?

हिंदू धर्म के अनुसार, धनतेरस का संबंध समुद्र मंथन से है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। वह कलश सोने का था, इसलिए इस दिन को “धन त्रयोदशी” भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सोना, चांदी या धातु की वस्तुएं खरीदने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। यही कारण है कि प्राचीन काल से इस दिन नई चीजें खरीदने की परंपरा चली आ रही है।

क्या खरीदें धनतेरस के दिन?

धनतेरस के दिन लोग केवल सोना-चांदी ही नहीं बल्कि तांबे, पीतल और स्टील के बर्तन भी खरीदते हैं। इन धातुओं को शुद्धता, ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना गया है। माना जाता है कि घर में इनकी मौजूदगी से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और बुरे प्रभाव दूर होते हैं।

क्या न खरीदें धनतेरस पर?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, धनतेरस के दिन काले रंग की वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए। काला रंग अशुभता और नकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इसलिए इस दिन काले कपड़े, जूते या चमड़े की चीजों की खरीदारी से बचना शुभ माना जाता है।

धनतेरस सिर्फ खरीदारी का दिन नहीं, बल्कि सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का उत्सव है। भगवान धन्वंतरि के पूजन से शरीर में स्वास्थ्य और मन में संतुलन आता है, वहीं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद जीवन में स्थायी सुख और वैभव लाता है।

इस धनतेरस, अपने घर को दीपों से सजाएं, मन को सकारात्मक ऊर्जा से भरें और नई शुरुआत करें क्योंकि यहीं से दीपावली की असली रोशनी शुरू होती है।