धनतेरस 2025: धनतेरस पर पढ़ें भगवान धन्वंतरि की ये आरती, घर-परिवार में लाएं सुख-समृद्धि

KNEWS DESK- पूरे देश में आज धनतेरस का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह त्योहार भगवान धन्वंतरि को समर्पित है, जिन्हें आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता माना जाता है। पुरानी मान्यता के अनुसार, कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। तभी से इस दिन को धनतेरस के रूप में मनाने की परंपरा चली आ रही है।

धनतेरस पर लोग विशेष रूप से सोने-चांदी और नए बर्तन खरीदते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन की खरीदारी से घर में खुशियों और समृद्धि का आगमन होता है। साथ ही, भगवान धन्वंतरि की पूजा और आशीर्वाद से स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

धनतेरस के दिन पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। भगवान धन्वंतरि की आराधना करने से रोग और दुख-दर्द दूर होते हैं, और घर में सुख-शांति बनी रहती है। पूजा के समय उनकी आरती करना भी आवश्यक होता है, क्योंकि यह पूजा की पूर्णता का प्रतीक माना जाता है।

भगवान धन्वंतरि की आरती

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।

धनतेरस केवल खरीदारी का त्योहार नहीं, बल्कि यह स्वास्थ्य, समृद्धि और भक्ति का प्रतीक भी है। इस दिन घर में माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से न केवल धन-धान्य की प्राप्ति होती है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और स्वास्थ्य भी बना रहता है।