KNEWS DESK… छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने प्रदेश वासियों को गुरू पूर्णिमा की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। सीएम भूपेश बघेल ने गुरू पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर एक संदेश जारी करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरू को सर्वाेच्च स्थान दिया गया है। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भारत में गुरु पूर्णिमा मनाने की परम्परा रही है। इस दिन गुरुओं के अमूल्य ज्ञान और मार्गदर्शन के प्रति सम्मान और आभार प्रकट किया जाता है। गुरु जीवन में अज्ञानता के अंधकार को मिटाकर ज्ञान की रोशनी लेकर आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुओं द्वारा दी गई अमूल्य शिक्षा को जीवन में आत्मसात कर हमें आगे बढ़ना चाहिए।
दरअसल आपको बता दें कि माना जाता है कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन ही महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। जिसके चलते आज के दिन को गुरू पूर्णिमा व्याल भी कहा जाता है। वेद व्यास जी ने वेदों का समपादन किया। महाभारत ,श्रीमद् भगवद् गीता, 18 पुराणों की रचना की थी। वेद व्यास की जयंती पर ही गुरू पूर्णिमा मनाई जाती है। गुरू पूर्णिमा पर गंगा स्नान का भी काफी महत्व माना जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार,गुरु अपने उपदेशों से शिष्य के अज्ञान को दूर करता है। गुरु ही अपने शिष्यों का कल्याण करते हैं।
भारत में हर दिन स्नान करने की परंपरा है। हर दिन गुरु को पूजा जाता है। लेकिन गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा का विशेष महत्व है। आज के दिन आप अपने गुरु को भेंट दे सकते हैं। गुरु की चरण वंदन कर उन्हें तिलक लगाएं।