Chaitra Navratri 8th Day: चैत्र नवरात्रि में आज मां महागौरी की पूजा, शुभ मुहूर्त, जानें पूजन विधि, महत्व और मंत्र

आज दुर्गाष्टमी है। आज मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा- अर्चना की जाती है। नवरात्रि के आठवें दिन का महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। मां महागौरी का रंग अंत्यत गोरा है। इनकी चार भुजाएं हैं और मां बैल की सवारी करती हैं।

चैत्र नवरात्रि 2022 अष्टमी तिथि शुभ मुहूर्त

बता दें कि इस साल अष्टमी तिथि शनिवार को पड़ रही है. अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 9 अप्रैल 2022 को है.

प्रारम्भ – 8 अप्रैल रात 11 बजकर 5 मिनट से शुरू
समाप्त- 10 अप्रैल सुबह 1 बजकर 23 मिनट पर समाप्त

महागौरी की पूजा का महत्व

आदि शक्ति देवी दुर्गा के आठवें स्वरूप की पूजा करने से सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। महागौरी की आराधना से दांपत्य जीवन, व्यापार, धन और सुख समृद्धि बढ़ती है। जो भी देवी भक्त महागौरी की सच्चे मन से आराधना व पूजन अर्चन करता है उसकी सभी मुरादें पूरी करती हैं। पूजा के दौरान देवी को अर्पित किया गया नारियल ब्राम्हण को देना चाहिए।

मंत्र

मंत्र: या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

कन्या पूजा की विधि

पूजन से पहले सभी कन्‍याओं को एक दिन पहले ही उनके घर जाकर निमंत्रण दिया जाता है. घर में सभी नौ कन्याओं का प्रवेश होने पर उन्हें आरामदायक और स्वच्छ जगह बिठाएं. सभी के पैरों को दूध से भरे थाल में रखकर अपने हाथों से उनके पैर स्‍वच्‍छ पानी से धोएं. कन्‍याओं के माथे पर अक्षत, फूल या कुमकुम लगाएं फिर मां भगवती का ध्यान करके इन देवी रूपी कन्याओं को इच्छा अनुसार भोजन कराएं. भोजन के बाद कन्याओं को अपने सामर्थ्‍य के अनुसार दक्षिणा, उपहार दें और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें.

कन्या पूजन के समय रखें इन बातों का ख्याल 

– कन्या पूजन के समय ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 2 वर्ष से कम और 10 वर्ष से ज्यादा ना हो.

– कन्या पूजन के दौरान सभी कन्याओं को पूर्व की ओर मुख करके बैठाएं.

– कन्या पूजन के दौरान एक लड़के को अवश्य बैठाएं. पूजन के दौरान लड़का भैरव बाबा का रूप माना जाता है.

– कन्या पूजन के दौरान बनने वाले प्रसाद में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल नहीं किया जाता.

– ध्यान रहें कि कन्या पूजन के लिए बनने वाला खाना बिल्कुल ताजा हो.

– कन्या पूजन के दौरान सभी कन्याओं के पैर धोएं. उन्हें आसन पर बिठाएं और उन्हें टीका लगाएं. इसके बाद उनके पैस छूकर आशीर्वाद लें.