चैत्र नवरात्रि का सातवां दिन 8 अप्रैल, शुक्रवार को है। नवरात्रि के सातवें दिन को दुर्गा सप्तमी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन मां कालरात्रि की पूजन का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मां कालरात्रि की पूजा करने वाले भक्तों पर मां दुर्गा की विशेष कृपा बनी रहती है।
मां कालरात्रि की पूजा का महत्व
मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है व बुरी शक्तियों का प्रभाव समाप्त हो जाता है। मां कालरात्रि दुष्टों और शत्रुओं का संहार करने वाली हैं। मां कालरात्रि की पूजा- अर्चना करने से मानसिक तनाव भी दूर होता है।
मां कालरात्रि की पूजा विधि
सबसे पहले मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं. उन्हें लाल फूल अर्पित करें. साथ ही गुड़ का भोग लगाएं. मां के मन्त्रों का जाप करें या सप्तशती का पाठ करें. लगाए गए गुड़ का आधा भाग परिवार में बाटें बाकी आधा गुड़ किसी ब्राह्मण को दान कर दें. काले रंग के वस्त्र धारण करके या किसी को नुकसान पंहुचाने के उद्देश्य से पूजा ना करें. शत्रु और विरोधियों को शांत करने के लिए श्वेत या लाल वस्त्र धारण करके रात्रि में मां कालरात्रि की पूजा करें. नवार्ण मंत्र है – “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे “. मां कालरात्रि को गुड़ का भोग अर्पित करें. इसके बाद सबको गुड़ का प्रसाद वितरित करें. आप सबका स्वास्थ्य अत्यंत उत्तम होगा.
मां कालरात्रि मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।