जानिये क्यूँ मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा और क्या है इसका महत्त्व

k news desk , बौद्ध  धर्म में आस्था रखने वालों का बुद्ध पूर्णिमा (वेसक या हनमतसूरी)  एक प्रमुख त्यौहार है। यह बैशाख  माह की पूर्णिमा को  मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन ही गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था, इसी दिन उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी दिन उनकानिर्वाण  भी हुआ था। 563 ई.पू. बैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध का जन्म लुम्बनी शाक्य राज्य (आज का नेपाल में  हुआ था। इस पूर्णिमा के दिन ही 483  ई. पू. में 80 वर्ष की आयु में ‘कुशनारा’ में  उनका निर्वाण हुआ था। वर्तमान समय का कुशीनगर ही उस समय ‘कुशनारा’ था। इस वर्ष 2023 में बुद्ध पूर्णिमा 5 मई को है।

 

बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार महात्मा बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना गया है। इस दिन लोग व्रत-उपवास करते हैं। बौद्ध धर्म के लोग इस दिन को उत्‍सव के रूप में मनाते हैं। उनके धार्मिक स्‍थलों पर सभी लोग एकत्र होगर सामूहिक उपासना करते हैं और दान देते हैं। बौद्ध और हिंदू धर्म के लोग बुद्ध पूर्णिमा को बहुत श्रद्धा के साथ मनाते हैं। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बुद्ध के आदर्शों और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह पर्व सभी को शांति का संदेश देता है। बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन बोधगया जाकर पूजापाठ करते हैं। लोग बोधिवृक्ष की पूजा करते हैं। बोधिवृक्ष पीपल का पेड़ होता है और इस दिन इसकी पूजा करने का विशेष धार्मिक महत्‍व माना गया है। वृक्ष पर दूध और इत्र मिला हुआ जल चढ़ाया जाता है। सरसों के तेल का दीपक पीपल के पेड़ पर जलाया जाता है।

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