KNEWS DESK- वैदिक पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष दीपों का त्योहार 20 अक्टूबर 2025, सोमवार को मनाया जाएगा। पूरे देश में यह दिन उत्साह, रोशनी और खुशियों से भरा होता है। धार्मिक मान्यता है कि दीपावली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने से घर में धन, सौभाग्य और समृद्धि का आगमन होता है। भगवान गणेश की कृपा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और रुके हुए कार्य पूर्ण होते हैं।

लेकिन इस बार दीपावली से पहले बन रहा है एक विशेष योग पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग, जो खरीदी और नए कार्यों की शुरुआत के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
दीवाली से पहले बन रहा है पुष्य नक्षत्र का महासंयोग
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इस साल दीवाली से दो दिन पहले, यानी 14 और 15 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का विशेष योग बन रहा है। यह नक्षत्र बेहद शुभ और मांगलिक माना गया है। इस दौरान कोई भी नया कार्य, निवेश, वाहन या सोना-चांदी खरीदना अत्यंत फलदायी होता है। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव हैं और यह नक्षत्र “देवताओं के गुरु बृहस्पति” से जुड़ा है। इसलिए इसे “सभी नक्षत्रों में श्रेष्ठ” कहा गया है। इस दिन किए गए कार्य दीर्घकालिक सफलता और स्थिरता प्रदान करते हैं।
पुष्य नक्षत्र का समय
शुरुआत: 14 अक्टूबर 2025, सुबह 11:53 बजे
समापन: 15 अक्टूबर 2025, दोपहर 12:00 बजे तक
पुष्य नक्षत्र में खरीदारी के शुभ मुहूर्त
14 अक्टूबर को शुभ समय:
सुबह 11:54 बजे से दोपहर 01:33 बजे तक
दोपहर 03:00 बजे से शाम 04:26 बजे तक
शाम 07:26 बजे से रात 09:00 बजे तक
15 अक्टूबर को शुभ समय:
दोपहर 12:00 बजे तक इन समयों में की गई खरीदारी को अत्यंत मंगलकारी माना गया है।
पुष्य नक्षत्र में क्या खरीदना होता है शुभ
इस दिन धन और समृद्धि बढ़ाने वाले वस्तुओं की खरीद विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
सोना और चांदी– मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम विकल्प।
वाहन– दीर्घकालिक सफलता और सुखद यात्रा का प्रतीक।
घर या संपत्ति– स्थायित्व और परिवारिक प्रगति का योग बनता है।
कृषि उपकरण– खेती और व्यवसाय में वृद्धि के लिए शुभ।
इलेक्ट्रॉनिक्स व शिक्षा से जुड़ी चीजें– विद्यार्थियों और प्रोफेशनल्स के लिए लाभकारी।
पुष्य नक्षत्र में क्यों करें खरीदारी
पुष्य नक्षत्र को “संपूर्ण कार्यों के लिए सिद्ध नक्षत्र” कहा गया है। इस नक्षत्र में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने से सफलता की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं। मंगल पुष्य योग – धन और लाभ में वृद्धि का संकेत। बुध पुष्य योग – व्यापार, शिक्षा और नए कार्यों में सफलता दिलाने वाला योग।
दीवाली से पहले बना यह पुष्य नक्षत्र योग इस साल को और भी खास बना रहा है। ऐसे में यदि आप किसी नई चीज़ की खरीदारी करने का विचार कर रहे हैं। चाहे वह गहने हों, वाहन, या निवेश तो यह समय आपके लिए अत्यंत शुभ साबित हो सकता है। इस शुभ संयोग में मां लक्ष्मी और श्रीहरि की पूजा करना न भूलें, ताकि आपके जीवन में धन, सुख और समृद्धि का प्रकाश सदैव बना रहे।