उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड राज्य गठन को 25 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन आज भी पहाड़ी इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुधर नहीं पाई है. पहाड़ के तमाम अस्पताल रेफरल सेंटर बने हुए हैं. हालांकि, राज्य सरकार का दावा है कि प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं मुहैया कराई जा रही है, लेकिन इन दिनों स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग को लेकर चौखुटिया से ‘ऑपरेशन स्वास्थ्य’ अभियान चलाया जा रहा है. वहीं उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में आपरेशन स्वास्थ्य के नाम से चलाए जा रहे जन आंदोलन को लगभग एक माह बीत गए हैं. लेकिन अभी तक मांगों पर ठोस व सार्थक पहल न होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। हाल ही में चौखुटिया में दूर-दूर से पहुंचे जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने नारेबाजी कर सरकार के उदासीन रवैये पर गहरी नाराजगी जताई है. उनका कहना है कि अब वह किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे और आंदोलन को मुकाम तक पहुंचा कर ही दम लेंगे। सीएचसी के उच्चीकरण, विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती व जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर 24 अक्टूबर को अनशन स्थल से निकली देहरादून कूच पदयात्रा आखिरकार आज देहरादून पहुंच गई है. पदयात्रा के देहरादून पहुंचने पर सीएम व स्वास्थ्य मंत्री आवास घेराव करने का कार्यक्रम है। लेकिन विधानसभा के विशेष सत्र के चलते आंदोलनकारी ने आज विधानसभा कूच किया है.हालांकि इस अभियान के बीच सीएम धामी ने चौखुटिया अस्पताल में व्यवस्थाएं मुकम्मल कर 50 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा कर दी है.लेकिन अभी भी आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर अटल है. जिसको लेकर राजनीति चरम पर है।
चौखुटिया से ‘ऑपरेशन स्वास्थ्य’ अभियान के चलते राज्य सरकार प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए लगातार काम कर रही है. इसी कड़ी में सीएम धामी ने अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की क्षमता को बढ़ाने की घोषणा की. उन्होंने इसे 30 बेड से विस्तारित कर 50 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा की. इसके साथ ही अस्पताल में अत्याधुनिक डिजिटल एक्स-रे मशीन भी उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे स्थानीय नागरिकों को बेहतर और त्वरित स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेगी.एक तरफ सरकार बेहतर स्वस्थ सेवाओं को बढ़ने की बात कर रही है.तो दूसरी और बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आंदोलन लगातार जारी है.ऐसे में अब पहाड़ की आग अब अब मैदान तक पहुंच गई है ऐसे में सभी आंदोलनकारी अब पहाड़ से मैदान में विस्थापित राजधानी देहरादून विधानसभा कूच पर निकल पड़े है मांग सिर्फ यही है की उनकी मागो को धामी सरकार सुने और उसका निर्कर्ष निकले अन्यथा ये आंदोलन आने वाले समय में और उग्र हो सकता है.साथ ही बदहाल स्वस्थ सेवा और डाक्टरो दवा की कमी को लेकर मरीजों को भी दो चार होना पड़ रहा है.
बदहाल अवस्था को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगो के साथ विपक्ष भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा दिखाई दे रहा है, विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि एक तरफ जहाँ राज्य के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर विभिन्न कार्यक्रम राज्य भर में किये जा रहे है उसमे करोड़ो रुपये राज्य सरकार लगाने जा रही है लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की ओर सरकार का जरा भी ध्यान नही है, सत्ता पक्ष में रहकर सरकार को घमंड हो गया है, साथ ही राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार बिल्कुल भी गंभीर नही दिख रही है। वही सत्ता दल भाजपा का कहना है कि प्रदेश के स्वास्थ्य, शिक्षा, खाघ, पेयजल व अन्य सभी प्रदेश हित के कार्यो को संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। वही विपक्ष भाजपा सरकार द्वारा चौमुखी विकास को देखकर चिंता में है साथ ही इस प्रकार से जनता के बीच प्रदर्शन में जुड़ कर इस प्रकार की बयानबजीया कर जनता में भ्रम फैलाने का काम कर रही हैं।
ऐसा पहली बार है। जब राज्य बने 25 वर्ष पुरे होने जा रहे है.और स्वस्थ सेवाओं को लेकर पहाड़ की जनता को आज भी सरकार के साथ दो चार होना पड़ रहा है.चौखुटिया से देहरादून के लिए निकली पदयात्रा बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर चौखुटिया से निकली पदयात्रा देहरादून पहुंच गई है. बता दें कि पद यात्रा से पूर्व क्षेत्रवासियों ने चौखुटिया में आक्रोश रैली निकालकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था. सवाल यह की एक तरफ सरकार 25 साल पुरे होने से पहले विशेष सत्र का आयोजन किया गया है.जिसमे भाजपा सरकार की भविष्य में हुई और होने जा रहे कामो को लेकर बड़ा आयोजन आयोजित किया गया है वही एक तरफ पहाड़ की जनता स्वस्थ सेवाओं जैसी मूल भूत सुविधाओं को लेकर आज भी पहाड़ से मैदान तक पद यात्रा निकल रही है.ऐसे में इस यात्रा से विपक्ष के लिए भी बड़ा मुद्दा और सरकार के लिए बखेड़ा खड़ा कर दिया है. धामी सरकार अपनी इन घोषणाओं के बाद भी इस पद यात्रा आंदोलन से कैसे पार कर पायेगी ये देखने वाली बात होगी।