साफ सफाई की बात ,पार्षदों में मचा उत्पात !

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नगर निगम की  तीसरी बोर्ड बैठक में हंगामे के बीच 329 करोड़ रुपये का बजट पास किया गया। करीब साढ़े 11 घंटे चली बैठक में 40 से ज्यादा प्रस्तावों पर मुहर लगी। इनमें कुत्तों पर नीति, डेयरी नीति, पथ प्रकाश व्यवस्था, यूजर चार्ज में 50 फीसदी छूट अहम प्रस्ताव शामिल हैं। पार्षदों के बहिष्कार के बाद शुरू हुई बैठक देर रात तक चलती रही। सुबह 11:15 बजे मेयर सौरभ थपलियाल सदन में पहुंच गए थे। इसके बाद नगर आयुक्त नमामी बंसल ने धराली-थराली आपदा के प्रभावितों को दो मिनट का मौन रखकर बैठक की शुरुआत की। सफाई, डेयरी, कुत्तों, अतिक्रमण, पथ प्रकाश व्यवस्था सहित कई मुद्दों पर पार्षदों ने अपनी-अपनी बात रखी। कांग्रेसी हर जगह शांत रहते हैं। बीजेपी पार्षद विशाल की किसी बात पर कांग्रेस के पार्षदों ने बैठक में हंगामा शुरू कर दिया। सभी कांग्रेस पार्षद एक-एक कर जमीन पर बैठ गए। इसके बाद मान मनौव्वल का दौर शुरू हुआ और कुछ पार्षदों ने ही उन्हें शांत कराया। इस दौरान वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अनुमानित आय 332 करोड़ के तहत 329.35 करोड़ रुपये व्यय के प्रस्ताव पास किए गए। इनमें स्वास्थ्य अनुभाग के चार, निर्माण विभाग के 11 सहित 40 से ज्यादा प्रस्तावों पर बोर्ड की सहमति बनी। वही बैठक में नोक-झोंक के सवाल पर विपक्ष का कहना है कि बीजेपी की मनमर्ज़ी नही होने देंगे. जनता के मुद्दों को ही नही सुना जाएगा. तो कैसे चलेगा।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून नगर निगम की तीसरी बोर्ड बैठक निगम मुख्यालय में आयोजित की गई. जिसमें स्ट्रीट डॉग्स के बढ़ते आतंक, सफाई व्यवस्था की बदहाली और पालतू कुत्तों को लेकर कई कड़े और अहम फैसले लिए गए। बैठक की शुरुआत उत्तरकाशी और चमोली आपदा में मृतकों को श्रद्धांजलि देकर की गई, जिसके बाद बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। हालांकि मेयर सौरभ थपलियाल की मध्यस्थता के बाद माहौल को शांत करवा दिया गया. जिसके बाद प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई। नगर निगम महापौर सौरभ थपलियाल और नगर आयुक्त नमामि बंसल की बोर्ड तैयारी का प्लान सफल रहा. बोर्ड बैठक में स्ट्रीट डॉग्स को लेकर कई सख्त और ठोस निर्णय लिए गए. जिसमे नगर निगम की टीम आवारा कुत्तों का इलाज और वैक्सीनेशन कराएगी। अब स्ट्रीट डॉग्स को वैक्सीनेशन के लिए 5 की जगह 15 दिन तक रखा जाएगा। जिसमे एनजीओ की मदद से ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे आक्रामक न रहें। जिसमे साल में तीन बार टीकाकरण अनिवार्य होगा। कोई भी व्यक्ति यदि स्ट्रीट डॉग को गोद लेना चाहता है. तो उसे नगर निगम को आवेदन देना होगा। कुत्तों को रखने के लिए 72 कनाल से बढ़ाकर 200 कनाल भूमि की मांग प्रस्तावित की गई है। जिसमे 20 से 25 नए शेल्टर हाउस बनाए जाएंगे। मेयर सौरभ थपलियाल ने बताया कि नगर निगम पार्षदों की बातों को गंभीरता से लिया जा रहा है। स्ट्रीट डॉग्स के मुद्दे से लेकर सफाई तक हर स्तर पर व्यवस्था सुधारने की दिशा में ये फैसले मील का पत्थर साबित होंगे।

वही नगर निगम ने कुत्तों को लेकर नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने का निर्णय भी लिया है. कुत्तों का रजिस्ट्रेशन/टीकाकरण न कराने पर ₹200 से बढ़ाकर ₹5000 जुर्माना कर दिया है। पालतू कुत्ते को खुले में घुमाने पर ₹3000 जुर्माना होगा. कुत्ते को सड़क पर शौच करवाने पर ₹5000 जुर्माना होगा. सड़क पर खाना खिलाने या फीडिंग करने पर ₹5000 जुर्माना देना होगा। 23 प्रतिबंधित नस्लों के लिए रजिस्ट्रेशन तभी होगा, जब ट्रेनिंग सर्टिफिकेट दिखाया जाएगा। बैठक में 23 खतरनाक नस्लों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। जिसमे पिटबुल टेरियर, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, केन कोर्सो, टोसा इनु, वुल्फ डॉग, जापानी टोसा शामिल है। बैठक के दौरान पार्षदों ने कूड़ा प्रबंधन को लेकर भी सवाल खड़े किए। कई वार्डों में कूड़ा उठान न होने, गाड़ियों की कमी और सफाई कर्मियों की अनुपलब्धता की शिकायत की गई। इस पर निगम ने आश्वासन दिया कि सभी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाएगा। साथ ही डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में गीला और सूखा कचरा अलग देने वालों को 50% छूट, जबकि दोनों मिलाकर देने पर जुर्माना लगेगा।

जिसके चलते अब देहरादून में स्ट्रीट डॉग्स और पालतू जानवरों को लेकर नियमों की अनदेखी महंगी पड़ेगी। नगर निगम का यह कदम न केवल जन सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है, बल्कि शहर की स्वच्छता और अनुशासन के लिहाज से भी यह अहम साबित होगा। देखने वाली बात होगी।