डिजिटल डेस्क- पिंक सिटी में नगर निगम ग्रेटर की मौजूदा कार्यकारिणी के कार्यकाल समाप्त होने से कुछ दिन पहले एक बड़ा फैसला लिया गया है। निगम ने शहर की सड़कों, चौराहों, पुलों और पार्कों सहित करीब 40 प्रमुख स्थलों के नाम बदल दिए हैं। इनमें सबसे चर्चित है भारत जोड़ो एलिवेटेड ब्रिज का नाम बदलकर लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल सेतु करना। यह वही पुल है जिसे तीन साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की याद में नामित किया था। नगर निगम की आखिरी बैठक में पारित इस प्रस्ताव के तहत जयपुर के कई अन्य स्थलों का भी नाम बदला गया है। सेंट्रल पार्क और टोंक रोड का नाम अब पूर्व उपराष्ट्रपति और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के नाम पर किया गया है। वहीं, रामनिवास बाग में बन रहे नए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का नाम आरएसएस संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार के नाम पर रखा गया है। इसके अलावा तीन प्रमुख चौराहों को परशुराम सर्किल, चित्रगुप्त सर्किल और खाटू श्याम सर्किल के नाम से जाना जाएगा।
कांग्रेस ने जताया कड़ा विरोध
इन नामकरणों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह कदम नगर निगम की नाकामियों को छिपाने की कोशिश है। पार्टी प्रवक्ता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, “नगर निगम के पूरे कार्यकाल में कोई ठोस विकास कार्य नहीं हुआ, इसलिए अब ध्यान भटकाने के लिए नाम बदलने की राजनीति की जा रही है।” कांग्रेस का यह भी कहना है कि भारत जोड़ो सेतु का नाम बदलना राहुल गांधी के भारत को जोड़ने के संदेश पर प्रहार है।
मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर का जवाब
वहीं, इस पर जयपुर ग्रेटर की मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर ने कहा कि नाम बदलने का निर्णय पूरी तरह से जनभावनाओं और पार्षदों के सुझावों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि किसी का नाम हटाया नहीं गया है, बल्कि नए नाम उन महान हस्तियों के सम्मान में दिए गए हैं जिन्होंने देश और समाज के लिए योगदान दिया है। मेयर ने आगे कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने वास्तव में भारत को जोड़ने का काम किया था, इसलिए भारत जोड़ो सेतु को उनके नाम पर समर्पित करना प्रतीकात्मक और उचित निर्णय है। उन्होंने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे मामलों में विवाद खड़ा करना जनता की भावनाओं का अपमान है।