उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड की धर्मनगरी ऋषिकेश के मुनि की रेती खारा स्रोत पर कई दिनों से एक शराब के ठेके को हटाने को लेकर विरोध हो रहा है। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बलपूर्वक हटाया गया है बीते दिनों शराब के ठेके के पास हुई युवक की हत्या के बाद से प्रदर्शनकारी शराब के ठेके को बंद करने की मांग को लेकर प्रदर्शन रहे हैं. जिसको लेकर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। मुनि की रेती खारा स्रोत ठेके के पास हुई युवक की हत्या के बाद वहाँ की जनता लगातार शराब के ठेके को बंद कराने के लिए प्रदर्शन कर रहे है. जिसके चलते बीते रोज ऋषिकेश के खारा स्रोत में शराब की दुकान बंद करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने जबरन हटा दिया।हलाकि इस घटना को हुए लगभग 5 दिन से ज्यादा बीत चुका है. इसके बाद पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने विवादित शराब की दुकान को फिर से खोल दिया है। जिसको लेकर विपक्ष दलों ने सरकार व आबकारी आयुक्त पर गम्भीर सवाल खड़े कर दिए है।
आपको बता दें अंग्रेजी शराब की दुकान के विरोध में पांचवें दिन यानी गुरुवार को भी स्थानीय लोग धरना-प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुए थे। इस दौरान अनशन पर बैठे दो युवकों की तबीयत ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने उन्हें उठाकर एम्स अस्पताल में भर्ती कराया। इसके साथ साथ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाते हुए सुबह ही शराब की दुकान भी खुलवा दी। जिसको लेकर शराब की दुकान खुलने के विरोध में लोगों ने मौके पर जमकर हंगामा काटा। जिसके बाद मौके पर तनाव की स्थिति बनी रही। आक्रोशित लोग ठेके से 100 मीटर दूर जाकर एक बार फिर प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यहां कुंभ और तीर्थक्षेत्र होने के बावजूद भी शराब की दुकान खोली गई है। जानकारी के लिए बता दें इसी शराब के ठेके के बाहर पांच दिन पहले ही स्थानीय युवक ने अपने पड़ोसी को शराब के नशे में मौत के घाट उतार दिया था। अजेंद्र कंडारी की हत्या के बाद से ही क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि ठेका खुलने के बाद से ही क्षेत्र का माहौल ख़राब हो गया है। वही कई दिन से अंग्रेजी शराब का ठेका बंद होने से सरकार को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
वही आबकारी विभाग का कहना है कि ये शराब की दुकान सर्वाधिक राजस्व देने वाले ठेकों में शामिल है। कई दिन से ठेका बंद होने के कारण प्रदेश सरकार को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे आबकारी महकमे में खलबली मची हुई है। अब शासन के निर्देश पर इस ठेके को खुलवाने के लिए अफसरों की टीम मैदान में उतार दी गई है। इस मामले में आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने मुख्यालय व अन्य जिलों से अफसरों की टिहरी में ड्यूटी लगाई है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि ढालवाला में चार दिन से दुकान बंद है. जिससे राजस्व की हानि हो रही है। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से दुकान को खुलवाने व राजस्व हित में सुचारु रूप से संचालन के लिए संयुक्त आबकारी आयुक्त टीके पंत को जिम्मेदारी सौंपी है। वह शराब की दुकान के संचालन होने तक जिला आबकारी अधिकारी टिहरी, स्टाफ और मंडलीय प्रवर्तन दल गढ़वाल मंडल के समस्त स्टाफ के साथ वहां उपस्थित रहेंगे। सहायक आबकारी आयुक्त केपी सिंह हरिद्वार व दून से आवश्यकतानुसार स्टाफ ले सकेंगे। आबकारी विभाग ने चार दिन से बंद विदेशी शराब की दुकान को राजस्व हित में खुलवाने के लिए संयुक्त आबकारी आयुक्त समेत चार अफसरों को मैदान में उतारा है। संयुक्त आबकारी आयुक्त मुख्यालय टीके पंत को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही तीन अधिकारी अपर आबकारी आयुक्त पीएस गर्ब्याल, आबकारी आयुक्त परिक्षेत्र हरिद्वार प्रदीप कुमार और सहायक आबकारी आयुक्त केपी सिंह टिहरी में ही प्रवास करेंगे। ठेके के बाहर युवक की हत्या के बाद से ही जनाक्रोश भड़क उठा था। उसी समय लोगों ने ये ठेका बंद करा दिया था। अब भी लोगों का इस शराब के ठेके के विरोध में प्रदर्शन जारी है। लोग इस ठेके को शिफ्ट कराने की मांग पर मुखर हैं। वहीं दूसरी ओर महकमा हर हाल में इस ठेके को खोलकर राजस्व नुकसान की भरपाई की कोशिशों में जुटा हुआ है। यहां पर ठेका दोबारा खुलवाना अफसरों के लिए कठिन चुनौती से कम नहीं है। वही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सरकार के साथ आबकारी आयुक्त पर सवाल खड़े कर दिए है।
ये कोई प्रदेश में शराब के ठेकों को बंद करने का पहला मामला नहीं है.इससे पहले पहाड़ से लेकर मैदान तक इसका विरोध देखने को मिला है.एक तरफ सरकार पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी को बचाने की बात करती आई है वही हाल में हुई युवक की मौत और चारधाम रूट पर बने इस शराब के ठेके को हो रहे बवाल के चलते सरकार और आबकारी विभाग की चिंता जरूर बढ़ा दी है. फिलहाल शराब के ठेके को लेकर लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है। जिससे स्थानीय निवासियों ने शराब के ठेके के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है। और शराब के ठेके को बंद करने की जिद पर अड़ गए है।