उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट , प्रदेश में हुई अब तक कांग्रेस की हार बड़े नुकसान से पार्टी अभी तक उभर नहीं पाई है. यही वजह है कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल अब आने वाले समय के लिए आपने आप को उभरने व बेहतर करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हे. आपको बता दे. उत्तराखंड में आगामी 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं. जिसके लिए महज डेढ़ साल का वक्त ही बचा है. ऐसे में उत्तराखंड की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने रणनीतियों को धार देने की कवायद में जुट गई है. हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा मानसून सत्र विपक्षी दल कांग्रेस के लिए एक वरदान के रूप में देखा जा रहा है. जिसकी मुख्य वजह यही है कि इस मानसून सत्र के चलते कांग्रेस के नेता पूरी तरह से एकजुट नजर आए.हरीश रावत ने भी ने कांग्रेसी विधायकों की पीठ थपथपाई यही वजह है कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने खुद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत सभी कांग्रेस विधायकों को सम्मानित किया. हरीश रावत ने कांग्रेसी विधायकों की पीठ थपथपाते हुए फिर से नई जान फूंकने का काम किया है. ऐसे में माना जा रहा है कि हरदा की हौसला अफजाई कांग्रेसियों को ताकत देगी.वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली दौरे पर हैं। इस दौरान सीएम धामी से प्रदेश अध्यक्ष और सांसद महेंद्र भट्ट से दिल्ली में मुलाकात की है। साथ ही प्रदेश के सभी सांसदों को भी न्योता दिया गया लेकिन हरिद्वार सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत और पौड़ी के सांसद अनिल बलूनी इस बैठक में गैर मौजूद रहे. जिसके कई मायने निकाले जा रहे है. इस मुलाकात को प्रदेश के सियासी समीकरणों के लिहाज से अहम माना जा रहा है।साथ ही राजनीति के मैदान में अपने आपको मजबूत दिखने में लगे कांग्रेस के पूर्व मंत्री हरक सिंह भी अपने बयानों को लेकर चर्चा में है। जिसकी वजह से एक बार फिर प्रदेश की राजनीति में माहौल गर्म है।
चर्चाओं में रहे हरक सिंह रावत फिर एक बार अपनी जुबानी जंग के चलते सियासत में मुखर दिखाई दे रहे है. आपको बता दे। हरक सिंह रावत ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने पार्टी चलाने के लिए बैंक में 30 करोड़ की एफडी बनाई है. उसमें उन्होंने भी खनन माफियाओं से लाकर एक करोड़ रुपए से अधिक रकम जुटाई है. हरक ने चुनौती दी कि इसको लेकर मेरे पर भी दोष है. इसलिए मेरी भी जांच होनी चाहिए. यदि बीजेपी चाहे तो इसकी जांच करा ले। हरक सिंह रावत ने कहा कि एफडी में किन-किन लोगों ने कितनी धनराशि दी है. इसकी जांच यदि ईडी ने ईमानदारी के साथ की. तो पूरी बीजेपी सलाखों के पीछे होगी.वहीं उनका एक ओर बयान सामने आया जिसमें भाजपा के बड़े नेताओ का नाम लेते नज़र आ रहे है.
एक तरफ हरक सिंह के बयानों को लेकर राजनीति में पारा सातवें आसमान पर है तो दूसरी और सभी पार्टियां अग्रिम चुनाव को लेकर अपनी बिसात बिछाने में भी लगी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने कल अपने दिल्ली आवास पर सभी सांसदों के साथ बैठक ली लेकिन हरिद्वार सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत और पौड़ी के सांसद अनिल बलूनी इस बैठक में गैर मौजूद रहे.इसको लेकर भी चर्चाएं जोरो पर है साथ ही अपनी जमीन तलाशा रही कांग्रेस पार्टी ने भी देहरादून पार्टी कार्यलय पर सभी शीर्ष नेताओ के साथ पार्टी को आगे बढ़ाने और 2027 में प्रदेश भाजपा का सूपड़ा साफ करने को लेकर रणनीति तैयार की जिस में पार्टिया सभी विपक्षियों को साथ लेकर चलने की बात कर रही है.
आप गौर करे तो उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल कर बीजेपी सत्ता में काबिज हुई थी. जबकि, कांग्रेस को बुरी तरह से हार की वजह से मायूस होना पड़ा था. अगर पिछले चुनाव की बात करें तो 70 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव हुए थे. जिसमें बीजेपी ने 47 सीटें हासिल की. जबकि, कांग्रेस को 19 सीटें मिली. वहीं, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय को 2-2 सीटें मिली.अब विपक्ष भाजपा को अपनी जुबानी जंग के साथ नैनीताल में शर्मसार करने वाला किडनैपिंग कांड. लोकतंत्र की हत्या में डीएम. जैसे मुद्दे को लेकर विधानसभा सत्र में गई लेकिन सरकार कोई जवाब नहीं दे पाई और सरकार को बैकफुट पर जाना पड़ा. ऐसे में अब कांग्रेस इन सभी बातों को लेकर सबसे बड़ा आंदोलन करने जा रही है.जो विपक्ष को लगता है की ये सभी मुद्दे आने वाले समय पर पार्टी के लिए जनता के दिलों तक पहुंचने का आसान तरीका होगा बर हाल देखना होगा क्या ये बातें जनता को आने वाले समय पर लुभा पाएगी .