KNEWS DESK- जहां कभी पानी की बूंद-बूंद को तरसते थे किसान, आज वहां खेतों में तालाब लहराने लगे हैं। जहां बिजली एक सपना लगती थी, अब वहां सौर ऊर्जा की किरणों से उजाला फैल रहा है। योगी सरकार की दूरदर्शी नीतियों ने बुंदेलखंड को सिर्फ सूखा और संघर्ष की पहचान से निकालकर खेत, पानी और बिजली की मिसाल में बदलना शुरू कर दिया है।
खेत तालाब योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को जल संरक्षण के लिए प्रोत्साहित कर रही है। किसानों को 50% से 75% तक का अनुदान देकर तालाब खुदवाने की सुविधा दी जा रही है। अब तक 5000 से ज्यादा खेत तालाब खुद चुके हैं, जिनमें बरसात का पानी संचित कर, सूखे समय में सिंचाई और मवेशियों के लिए उपयोग किया जा रहा है। सामान्य वर्ग के लघु सीमांत किसानों को 80,000 रुपये तक और अनुसूचित जाति/जनजाति किसानों को 1 लाख रुपये तक की मदद मिल रही है।
अब पहचान बनेगी ‘सौर बुंदेलखंड’
जहां कभी बुंदेलखंड का नाम शौर्य और संघर्ष से जुड़ता था, अब उसमें सौर ऊर्जा की नई पहचान भी जुड़ गई है। इको-फ्रेंडली, प्रदूषण रहित और सस्ती ऊर्जा के लिए बुंदेलखंड में कई बड़े सोलर प्रोजेक्ट्स शुरू हो चुके हैं।
-
चित्रकूट: 3400 एकड़ में 800 मेगावाट क्षमता का सोलर प्लांट
-
झांसी: 600 मेगावाट वार्षिक उत्पादन
-
ललितपुर: 1400 मिलियन यूनिट की वार्षिक उत्पादन क्षमता
-
कानपुर व देहात: 110 मेगावाट सालाना सौर ऊर्जा
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनाने की तैयारी जोरों पर है। इसके दोनों ओर 14 जगहों पर 2447 एकड़ में सोलर पार्क विकसित किए जाएंगे, जिनसे 450 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। 2000 करोड़ की इस परियोजना में टाटा पावर जैसी बड़ी कंपनियां रुचि दिखा चुकी हैं।
डिफेंस कॉरिडोर, फार्मा पार्क, बीडा और एडवेंचर टूरिज्म जैसे प्रोजेक्ट्स से आने वाले समय में बुंदेलखंड में बिजली की मांग तेजी से बढ़ेगी। इसके लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के तहत सोलर सेक्टर को नई रफ्तार दी है।
अयोध्या से नोएडा तक ‘सोलर सिटी’
बुंदेलखंड के साथ-साथ प्रदेश के अन्य हिस्सों को भी सौर ऊर्जा के ज़रिए आत्मनिर्भर बनाने की योजना है।
-
अयोध्या को “सोलर सिटी” बनाया जा रहा है
-
प्रदेश के 16 नगर निगमों, जैसे नोएडा, कानपुर, लखनऊ को भी क्रमशः सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा
-
कुल बिजली उत्पादन का 10% हिस्सा सौर से पूरा करने का लक्ष्य है
गांवों से होगी ग्रीन एनर्जी की शुरुआत
सरकार की योजना के अनुसार, सबसे पहले गांवों और खेती के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल होगा। इसके तहत:
-
सोलर फीडर के ज़रिए खेतों की सिंचाई के पंप सौर ऊर्जा से चलेंगे
-
सरकारी नलकूप भी चरणबद्ध तरीके से सोलर से जोड़े जाएंगे
-
ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा जिससे सोलर ऊर्जा का वितरण तेज़ और सुचारु हो सके
उत्तर प्रदेश की वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में बिजली की बड़ी भूमिका है। सौर ऊर्जा के इन प्रयासों से राज्य न सिर्फ अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करेगा, बल्कि देशभर में ग्रीन एनर्जी मॉडल बनकर उभरेगा।
ये भी पढ़ें- राजस्थान रॉयल्स पर फिर लगा स्लो ओवर रेट का जुर्माना, कप्तान संजू सैमसन पर 24 लाख का दंड