उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड में सालभर के लंबे इंतजार के बाद शुरू हुए निकाय चुनाव के लिए जिताऊ प्रत्याशियों पर मंथन जारी है। नामांकन की प्रक्रिया 27 दिसंबर से शुरू हो गई है लेकिन अबतक भाजपा-कांग्रेस अभी तक अपने अपने सभी प्रत्याशियों का चयन नहीं कर पाए हैं. हांलाकि दोनों ही दलों ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट तो जारी कर दी है। लेकिन दूसरी लिस्ट को लेकर अभी तक मंथन चल रहा है। आपको बता दें कि निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने 78, जबकि कांग्रेस ने 48 प्रत्याशी घोषित किये हैं….वहीं भाजपा कांग्रेस में पहली लिस्ट जारी होते ही सियासी घमासान भी मच गया है। एक ओर जहां भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री और गदरपुर के विधायक अरविंद पांडे ने कहा कि भाजपा में धंधेबाजी का एक सिंडिकेट चल रहा है। वह इस सिंडिकेट को तोड़ना चाहते हैं। बावजूद इसके उन्हें निपटाने का प्रयास पार्टी में किया जा रहा है। इस दौरान उन्होने निकाय चुनाव में भाजपा पर 98 प्रतिशत बंगाली समाज के लोगों की अंदेखी का भी आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस में भी पहली लिस्ट जारी होते ही बवाल छिड गया है। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने सोशल मीडिया में पोस्ट जारी कर बगावत के सुर दिखाए हैं. वहीं कांग्रेस में टिकट ना मिलने से कई कार्यकर्ताओँ ने धरना प्रदर्शन के साथ ही कुछ ने अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया है। अब सवाल ये है कि क्या नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी से भाजपा कांग्रेस के लिए ये निकाय चुनाव की राह इतनी आसान होगी, आखिर क्यों अबतक प्रत्याशियों पर एक राय नहीं बन पा रही है.
उत्तराखंड में निकाय चुनाव के ऐलान के साथ ही भाजपा-कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दलों के लिए जिताऊ प्रत्याशियों का चयन करना बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है। 27 दिसंबर से शुरू हुई नामांकन की प्रक्रिया 30 दिसंबर को संपन्न होने जा रही है। लेकिन अबतक भाजपा-कांग्रेस अपने-अपने सभी प्रत्याशियों का चयन नहीं कर पाएं हैं. हांलाकि लंबे मंथन के बाद दोनों ही दलों ने पहली सूची को तो जारी किया है.लेकिन दूसरी सूची में प्रत्याशियों को लेकर माथापच्ची ज्यादा करनी पड़ रही है। एक ओर जहां भाजपा में एक अनार सौ बिमारी की स्थिति देखने को मिल रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी प्रत्याशियों के चयन के लिए फूंक फूंक कर कदम रख रही है. साथ ही दोनों ही दल जीत के भी दावे कर रहे हैं
वहीं भाजपा कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी होते ही दोनों ही राष्ट्रीय दलों में सियासी घमासान छिड़ गया है. कांग्रेस में खुलकर टिकट ना मिलने के बाद नाराजगी देखने को मिल रही है. इसी कडी में महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने सोशल मीडिया में पोस्ट जारी कर बगावत के सुर दिखाए हैं. तो वहीं कांग्रेस में टिकट ना मिलने से कई कार्यकर्ताओँ ने धरना प्रदर्शन के साथ ही कुछ ने अपने पद से इस्तीफा तक दे दिया है। तो वहीं दूसरी ओर भाजपा में भी बवाल शुरू हो गया है। भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री और गदरपुर के विधायक अरविंद पांडे ने कहा कि भाजपा में धंधेबाजी का एक सिंडिकेट चल रहा है। वह इस सिंडिकेट को तोड़ना चाहते हैं। बावजूद इसके उन्हें निपटाने का प्रयास पार्टी में किया जा रहा है।
कुल मिलाकर निकाय चुनाव की पहली लिस्ट जारी होते ही भाजपा-कांग्रेस में सियासी बवाल शुरू हो गया है। वहीं दोनों ही दलों के लिए नेताओं की नाराजगी को दूर करने के साथ ही जिताऊ प्रत्याशियों के चयन बेहद चुनौतिपूर्ण हो गया है। यही वजह है कि अबतक दोनों ही दल अपने सभी प्रत्याशियों का ऐलान नहीं कर पाए हैं. देखना होगा 25 जनवरी को निकाय चुनाव का क्या कुछ परिणाम सामने आता है