हल्द्वानी हिंसा का दोषी कौन ?

उत्तराखंड डेस्क रिपोर्ट, उत्तराखंड का हल्द्वानी शहर  हिंसा की आग में जल रहा है। हल्द्वानी में मदरसे पर बुलडोजर एक्शन को लेकर भड़की हिंसा में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.. बताया जा रहा है कि जब पुलिस प्रशासन की टीम कार्रवाई के लिए हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में बने मदरसे और मस्जिद को हटाने के लिए पहुंची तो स्थानीय लोगों ने विरोध जताया और पथराव शुरू कर दिया…स्थिति बिगड़ती चली गई और मकानों-दुकानों में तोड़फोड़, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं सामने आने लगीं…पूरे शहर में तनाव फैल गया, जिसके बाद कर्फ्यू लगाना पड़ा वहीं घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल अधिकारियों की बैठक बुलाई इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दंगाइयों को दिखते ही गोली मारने का आदेश दिया….वहीं इस घटना के बाद से शहर में बेहद संवेदनशील माहौल बना हुआ है.नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने बताया कि हल्द्वानी में हुई हिंसा प्लानिंग के तहत हुई. पुलिस की टीम पर हमले के लिए पहले से ही पत्थर रखे गए थे. हिंसा की वजह से शहर में कर्फ्यू लगाया गया है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती भी की गई है…वहीं चुनाव से पहले हल्द्वानी हिंसा के बाद राज्य में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने हल्द्वानी मामले को लेकर विपक्षी दलों की आपात सर्वदलीय बैठक बुलाई, बैठक में विपक्षी दलों ने हल्द्वानी हिंसा पर चिंता जाहिर की है। साथ ही विपक्ष ने सरकार के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के इस्तीफें की मांग की है। सवाल ये है कि आखिर हल्द्वानी हिंसा का दोषी कौन है

लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में हिंसा की आग भड़क गई है। हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में नजूल जमीन पर बनी मस्जिद और मदरसे को हटाने का हाई कोर्ट ने आदेश दिया था. आदेश पर की जा रही पुलिस प्रशासन की कार्रवाई का स्थानीय लोग विरोध कर रहे थे. पुलिस ने आक्रोशित भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया, लेकिन बवाल बढ़ने लगा. तब रामनगर से अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई. बवाल करने वाली भीड़ ने आगजनी की, मकानों और दुकानों पर तोड़फोड़ की, दर्जनों गाड़ियों को फूंक डाला, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया….देर रात तक हल्द्वानी हिंसा की आग में जलता रहा। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री बैठक में मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी कि वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने पुलिस को अराजक तत्वों से सख़्ती से निपटने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। आगजनी पथराव करने वाले एक-एक दंगाई की पहचान की जा रही है। सौहार्द और शांति बिगाड़ने वाले किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जायेगा।

वहीं चुनाव से पहले हुई हल्द्वानी हिंसा के बाद राज्य में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस मुख्यालय में विपक्षी दलों की हल्द्वानी प्रकरण को लकेर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता उपस्थित रहे…बैठक में हल्द्वानी हिंसा पर चिंता व्यक्त की गई..इसके साथ ही विपक्षी दलों ने भाजपा पर चुनाव से पहले धार्मिक हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है…साथ ही विपक्षी दलों ने सरकार के साथ ही तमाम जिम्मेदार अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की है…विपक्षी दलों ने इस घटना की न्यायिक जांच की सरकार से मांग की है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने हल्द्वानी पहुंचकर जमीनी स्थिति का भी जायजा लिया है

कुल मिलाकर चुनाव से पहले उत्तराखंड का हल्द्वानी शहर  हिंसा की आग में जल रहा है। हल्द्वानी में मदरसे पर बुलडोजर एक्शन को लेकर भड़की हिंसा में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है..वहीं इस मामले में अब सियासत भी गरमा गई है। विपक्षी दलों ने सरकार से इस्तीफे की मांग के साथ ही प्रशासन अधिकारियों के भी इस्तीफा मांगा है साथ ही मामले की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की है। सवाल ये है कि आखिर हल्द्वानी हिंसा का दौषी कौन है

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