मतदान जारी ,नाराजगी भारी !

Knews Desk, उत्तराखंड में निकाय चुनाव के लिए आज मतदान जारी है। सुबह आठ बजे से शुरू हुआ मतदान शाम 5 बजे तक चलेगा। देर शाम तक 65 से 70 प्रतिशत मतदान पूरे प्रदेश में होने की संभावना जताई जा रही है। निकाय चुनाव मतदान के लिए सुबह से ही मतदान केंद्रों पर वोटरों की लाइन लगी है। मतदाता सूची से कई वोटरों के नाम न होने से लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। पूर्व सीएम हरीश रावत का नाम भी मतदाता सूची में नहीं है। वह भी वोट नहीं दे पाए जिससे पूर्व सीएम हरीश रावत दुखी हैं। उनका कहना है कि इससे उन्हें बड़ा धक्का लगा है। हजारों लोगों के वोट मतदाता सूची से गायब हैं। वह इसके लिए भाजपा पर आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर पूर्व सीएम का नाम ही मतदाता सूची से गायब तो आम मतदाता कितने परेशान होंगे। बता दें कि राज्य में 11 नगर निगमों 43 नगर पालिका परिषदों और 46 नगर पंचायतों सहित 100 नगर निकायों के लिए चुनाव हो रहे हैं। विभिन्न विभागों के 16284 मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाने में लगे हैं। 25800 पुलिसकर्मियों की चुनाव में तैनाती की गई है। 11 नगर निगमों में 72 मेयर के प्रत्याशी मैदान में हैं। सभी पार्टी के प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन कई जगह निर्दलीय और बागी प्रत्याशियों ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। मतदान मतपत्रों से हो रहा है और नतीजे 25 जनवरी को घोषित किए जाएंगे। राज्य में कुल 30,83,500 मतदाता हैं, जिनमें से 14,93,519 महिलाएं, 15,89,467 पुरुष और 514 अन्य मतदाता हैं। प्रदेश में कुल 1282 वार्ड हैं, उत्तराखंड में वोटिंग के लिए निकायों में 1515 मतदान केंद्र और 3394 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और श्रीनगर में पहली बार नगर निगम के लिए चुनाव हो रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव में 846 हल्के और 572 भारी वाहन लगाए गए हैं।

उत्तराखंड में हो निकाय चुनाव में ज्यादातर सीटों पर जहां भाजपा-कांग्रेस में मुख्य मुकाबला है, वहीं कई सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी भी कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं। कई वार्डों में भाजपा-कांग्रेस के साथ ही बागी उम्मीदवारों ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। स्थानीय स्तर के निकाय चुनाव में इस बार राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे हावी हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ही अपने प्रचार के दौरान लैंड जिहाद, लव जिहाद, थूक जिहाद के साथ ही यूसीसी के मुद्दों का जिक्र करते हुए देखे गए। कांग्रेस भाजपा पर आरोप लगा चुकी है कि वह इन चुनावों में विधानसभा और संसदीय चुनावों की तरह लड़ रही है जबकि स्थानीय स्तर के मुद्दे गायब हैं।

उत्तराखंड में हो रहे निकाय चुनाव से जहां शहर की सरकार मतदाता बनाने जा रहे हैं वहीं यह चुनाव कहीं न कहीं आने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। अब यह तो 25 जनवरी को ही साफ होगा कि कौन सी पार्टी इस चुनाव में कितने सीटों पर विजयी होती है, लेकिन आज सभी प्रत्याशियों का भविष्य मतपेटियों में कैद होने जा रहा है। इससे पहले 2018 में हुए निकाय चुनाव में भाजपा का दबदबा रहा था भाजपा इस बार भी ट्रिपल इंजन की सरकार कायम रख पाएगी, यह देखना होगा। इस चुनाव में सिटिंग विधायकों की योग्यता और लोकप्रियता को भी परखा जाएगा। वैसे तो पूरे प्रदेश में कई प्रत्याशी कांटे की टक्कर दे रहे हैं लेकिन सबसे बड़े नगर निगम देहरादून में भाजपा कांग्रेस में मुख्य मुकाबला देखने को मिल रहा है। जानिए क्या कहते हैं दोनों बड़े दलों के मेयर प्रत्याशी…..

हैडर-11 नगर निगमों में भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशी
मेयर सीट- भाजपा-कांग्रेस
देहरादून- सौरभ थपलियाल, वीरेंद्र पोखरियाल
ऋषिकेश- शंभू पासवान, दीपक जाटव
कोटद्वार – शैलेंद्र रावत, रंजना रावत
हरिद्वार – किरण जैसल, अमरेश बालियान
रुद्रपुर- विकास शर्मा, मोहन खेड़ा
काशीपुर- दीपक बाली, संदीप सहगल
हल्द्वानी- गजराज सिंह बिष्ट, ललित जोशी
रुड़की- अनीता देवी अग्रवाल, पूजा गुप्ता
अल्मोड़ा- अजय वर्मा, भैरव गोस्वामी
पिथौरागढ़- कल्पना देवाल, अंजू लूंठी
श्रीनगर- आशा उपाध्याय, मीना रावत

कुल मिलाकर देखा जाए तो राज्य में 100 नगर निकायों को लेकर हो रहे इन चुनावों के परिणाम मतपेटियों में कैद हो रहे हैं। हर पार्टी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा अंतिम समय तक कर रहे हैं। शहर की सरकार चुनने के लिए मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। कई स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता अपने-अपने बूथों पर पहुंच रही है। शाम पांच बजे तक मतदान जारी रहेगा। अब देखना होगा कि कौन सा प्रत्याशी कितने वोटरों को अपने पक्ष में कर पाता है।